shardiya navratri: अश्विन सप्तमी यानी शारदीय नवरात्रि की महासप्तमी और मां कालरात्रि की पूजा का पं. बंगाल, ओडिशा, असम आदि में विशेष महत्व है। इन राज्यों में इस दिन को नवरात्रि पूजा का पहले दिन मानते हैं। साथ ही नवपत्रिका पूजा (9 पत्तों की पूजा) की जाती है। इसे कलाबाऊ पूजा भी कहते हैं। आइये जानते हैं कब है नवपत्रिका पूजा, नवपत्रिका पूजा विधि और मुहूर्त क्या है।
नवपत्रिका पूजा महासप्तमी के दिन की जाती है, यह तिथि शारदीय नवरात्रि के सातवें दिन पड़ती है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार देवी दुर्गा के आह्वान के लिए एक माध्यम की आवश्यकता होती है। जिनके जरिये भक्त भगवान और देवी-देवताओं से बातचीत करते हैं। इसी कारण बिल्व निमंत्रण के दिन, देवी दुर्गा का बिल्व के पेड़ की शाखाओं में आवाहन किया जाता है और फिर दुर्गा पूजा की जाती है। यह पूजा इस साल 10 अक्टूबर 2024 गुरुवार को होगी। ये है नवपत्रिका पूजा की तिथि
सप्तमी का आरंभः 9 अक्टूबर 2024 को दोपहर 12:16 बजे से
सप्तमी का समापनः 10 अक्टूबर 2024 गुरुवार को दोपहर 12:33 बजे तक (उदया तिथि में सप्तमी 10 अक्टूबर को)
नवपत्रिका पूजा में हर एक पेड़ के पत्ते को देवी के अलग-अलग रूप में पूजा जाता है। ये नौ पत्ते केला, कच्वी, हल्दी, अनार, अशोक, मनका, धान, बिल्वा और जौ हैं।