Rahu Ke Upay: राहु का डर अक्सर लोगों में देखा जाता है, लेकिन कुछ उपायों से राहु के अशुभ प्रभावों से छुटकारा पाया जा सकता है। इसके लिए बस राहु के मंत्र का जाप जरूरी है। आइये जानते हैं राहु को शुभ बनाने की विधि क्या है ..
rahu ke lakshan: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु उस ज्ञान का कारक है जो बुद्धि के बावजूद पैदा होता है। राहु गुप्त विद्या की ओर रूझान बढ़ाता है। यह जिन लोगों पर बुरे प्रभाव डालता है उनसे काला जादू, तंत्र, टोना, आदि कराता है। लाइफ में अचानक घटनाओं के घटने का कारण राहु ही होता है। उदाहरण के लिए अचानक कोई घटना देखकर कोई आइडिया आ जाना या अचानक उत्तेजित हो जाना इन सबका कारण राहु ही होता है, स्वप्न का कारक भी राहु ही होता है। भयभीत करने वाले स्वप्न आना या घबराकर उठ जाना राहु के बुरे प्रभाव का लक्षण है।
यदि अचानक शरीर अकड़ने लगे या दिमाग अनावश्यक तनाव से घिर जाए और चारों तरफ अशांति ही नजर आने लगे, घबराहट हो तो इसका कारण भी राहु है। वैराग्य भाव या मानसिक विक्षिप्तता की स्थिति भी राहु के कारण ही पैदा होती है। बेकार के दुश्मन पैदा होना, बेईमान या धोखेबाज बन जाना, मद्यपान करना, अति संभोग करना या सिर में चोट लग जाना यह सभी राहु के अशुभ होने की निशानी है। जिन व्यक्तियों पर राहु इस तरह नकारात्मक प्रभाव डालता है, उस व्यक्ति की तरक्की संभव नहीं है। आइये जानते हैं राहु का उपाय जिससे राहु शुभ फल देता है।
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Rahu ke upay in hindi: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु से डरने की बजाय उसके दुष्प्रभाव को दूर करने या उसके बुरे प्रभाव से बचने के उपाय करने की जरूरत होती है। इसके लिए राहु के दो मंत्र में से कोई एक जपना चाहिए
एकाक्षरी बीज मंत्रः ॐ रां राहवे नम:।
तांत्रिक मंत्रः ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:।'
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु के इन मंत्रों को 28 हजार बार जपना चाहिए। अपने से संभव न हो तो अपने नाम पर किसी पुरोहित से जाप करा सकते हैं। इसके अलावा कलियुग में 4 गुना जाप और दशांश हवन का विधान है, हवन के लिए समिधा दूर्वा होनी चाहिए।
साथ ही मंत्र जाप, हवन के बाद नीला वस्त्र, काला तिल, कंबल, सूप, तेल से भरा ताम्रपात्र, लोहा, सप्त धान्य, अभ्रक, गोमेद, खड्ग दान करनी चाहिए (या बहते पानी में बहा दें)। इसके लिए रात में दान सामग्री को वस्त्र में बांधकर उसकी पोटली बनाएं, उसे सूप में रखें या बहते जल में प्रवाहित करें।)
औषधि स्नानः कस्तूरी, गजदंत, लोबान मिश्रित जल से।
1. बुधवार से शुरू करके 7 दिनों तक काले कुत्ते को मीठी रोटी खिलाएं।
2. शीशे (धातु) के 8 टुकड़े बहते जल में बहाएं
3. भिखारियों को काले या चितकबरे कंबल दान करें।
4. पक्षियों को दाना डालें, 3 या 5 मूली बुधवार या शनिवार को शिव मंदिर में चढ़ाएं।
5. नित्य दुर्गा कवच का पाठ करें और चांदी का ठोस चौकोर टुकड़ा सदैव अपने पास रखें।
6. राहु यंत्र को पंचधातु के पत्र पर उत्कीर्ण कराकर नित्य पूजा करें।