Surya Grahan 2025: सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है, इसका हिंदू धर्म और ज्योतिष में भी बड़ा महत्व है। इस साल का पहला सूर्य ग्रहण विशेष है, क्योंकि इसी दिन शनि गोचर भी हो रहा है। आइये जानते हैं 2025 में कब-कब है सूर्य ग्रहण और सूतक काल आदि से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य।
Solar Eclipse: नया साल आ गया है, इस साल की प्रमुख खगोलीय घटनाओं में सूर्य ग्रहण भी शामिल है। यह मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान राहु केतु का प्रभाव बढ़ जाता है। यह समय शुभ कार्यों के लिए अशुभ माना गया है। नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय रहती हैं। यह दिन अनुष्ठान, दान पुण्य के लिए विशेष माना जाता है। नव वर्ष 2025 में कब-कब सूर्य ग्रहण लगेंगे, क्या सूतक काल लगेगा या नहीं, जानिए यहां हर सवाल का जवाब …
पंचांग के अनुसार साल 2025 में दो बार सूर्य ग्रहण लगेगा। पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च 2025 को लगेगा और दूसरा सूर्य ग्रहण 22 सितंबर 2025 को लगेगा। खास बात यह है कि साल का पहला सूर्य ग्रह जब 29 मार्च को लगेगा, उसी दिन शनि गोचर भी होगा।
पंचांग के अनुसार साल का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च 2025 (चैत्र माह, कृष्ण पक्ष अमावस्या) को लगेगा। इसकी शुरुआत दोपहर 02:20 बजे होगी और समापन शाम 06:16 बजे होगा। खास बात यह है कि साल का पहला सूर्य ग्रहण भारत में दृश्य नहीं है। इसलिए यहां सूतक काल नहीं लगेगा।
पंचांग के अनुसार 29 मार्च को लग रहा साल का पहला सूर्य ग्रहण 2025 एशिया, यूरोप, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका, अटलांटिक महासागर और आर्कटिक महासागर के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा।
1. सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन बनाना और खाना निषिद्ध किया गया है।
2. इस समय मंदिर के कपाट बंद रहते हैं, पूजा-अर्चना से बचें।
3. घर के बाहर गर्भवती स्त्रियों को जाने से बचना चाहिए।
4. ग्रहण के समय पानी के सेवन से भी बचना चाहिए।
1.सूर्य ग्रहण के समय ऊँ घृणि: सूर्यादित्योम, ऊँ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नम: मंत्र जपना चाहिए।
2. ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करके घर की साफ-सफाई करें, गंगाजल का छिड़काव करें।
3. गरीबों में अनाज, वस्त्र, और धन का दान करें।
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पंचांग के अनुसार साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 22 सितंबर 2025 को लगेगा। खास बात यह है कि यह सूर्य ग्रहण भी भारत में दृश्य नहीं होगा। इसका अर्थ हुआ इस दिन भी भारत में सूतक नहीं लगेगा। क्योंकि सूतक वहीं लगता है, जहां यह दिखाई दे। हालांकि ज्योतिषीय प्रभाव पड़ते हैं.
वाराणसी के पुरोहित पं. शिवम तिवारी के अनुसार सूर्य ग्रहण के समय सूर्य मंत्र जप ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव को कम करता है और मानसिक शांति प्रदान करता है। पढ़ें सूर्य ग्रहण मंत्र
जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महाद्युतिम।
तमोऽरिं सर्वपापघ्नं प्रणतोऽस्मि दिवाकरम्।
1.ग्रहण के बाद स्नान और ध्यान करें।
2. मंदिर जाकर पूजा करें।
3. जरूरतमंदों को दान करें।