कलेक्टर के निर्देशों का नहीं हुआ पालन, स्थिति जस की तस
विगत सप्ताह भर पूर्व कलेक्टर मृणाल मीणा ने परिवहन अधिकारी को लांजी से हैदराबाद के लिए अवैध तरीके से चलने वाले वाले वाहनों की सतत निगरानी और निरीक्षण के निर्देश दिए थे। लेकिन परिवहन अमले ने कलेक्टर के निर्र्देशों को आज तक अमल में नहीं लाया है। इस मार्ग में रोजाना दर्जनों चौपहिया वाहन एवं अवैध रूप से टूरिस्ट परमिट पर चलने वाली बसें बिना रोक टोक के दौड़ रही है। कोई कार्रवाई नहीं होने से चौपहिया वाहन और बस संचालकों के हौसले बुलंद है। जिन्हें अब सरकारी निर्देशों का भी कोई भय नहीं बचा है।
इस संबंध मेंं कलेक्टर से चर्चा की गई तो उन्हें परिवहन अधिकारी द्वारा अब तक कार्रवाई नहीं किए जाने की कोई जानकारी ही नहीं है। कलेक्टर मीणा ने तत्काल ही इस संबंध में परिवहन अधिकारी को पुन: निर्देशित करने का आश्वासन दिया है।
जिले में दमोह, सालेटेकरी, लांजी से हैदराबाद के लिए चलने वाली बसों एवं चौपहियां वाहनों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है इसकों लेकर कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं। अमले के कार्रवाई न किए जाने से शासन को लगातार टैक्स का नुकसान हो रहा है। इस रूट पर चलने वाली बसों की वर्तमान में इतनी प्रतिस्पर्धा है, कि पिछले कुछ वर्षों में इस रूट पर चलने वाली बसों की बाढ़ सी आ गई है। दूसरे राज्यों की बसों को किराए के अनुबंध पर लाकर चलाने से इस मार्ग पर शाम को 4 से 7 बजे के बीच हर दस मिनट में एक बस आसानी से मिल जाती है। प्रतिस्पर्धा के चक्कर में सब्जियों के रेट में सवारी ठूंस ठूंस कर ढोई जा रही है। वहीं सवारी न मिलने पर कभी भी बस का सफर रोक दिया जाता है।
रजेगांव में परिवहन विभाग ने हाईवे से गुजरने वाले वाहनों की जांच के लिए अस्थाई चैकिंग प्वाईंट बनाया है, लेकिन यहां सिर्फ पिकअप वाहनों एवं अन्य बड़े वाहनों की चैकिंग की जाती है। हैदराबाद जाने वाले वाहनों की जांच और निरीक्षण तक नहीं किया जा रहा है। यह चैकिंं प्वाईंट भी शोभा की सुपारी साबित हो रहे हैं। इन चैकिंग प्वाईंट में आज तक जिम्मेदार अधिकारियों ने झांककर तक नहीं देखा है। सबकुछ भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है।