बालाघाट

Problem-शाला भवन हुआ जर्जर, दो माह से शाला में कक्षा का संचालन हुआ बंद

शाला भवन जर्जर हो गया है। दो माह से शाला में कक्षाओं का संचालन नहीं हो रहा है। शाला के समीप ही मकान में स्कूल को संचालित किया जा रहा है। स्कूल में कक्षा पहली से लेकर पांचवीं तक 55 बच्चे दर्ज है। ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर नए शाला भवन बनाए जाने की मांग […]

2 min read
जर्जर शाला भवन हुआ बंद।

शाला भवन जर्जर हो गया है। दो माह से शाला में कक्षाओं का संचालन नहीं हो रहा है। शाला के समीप ही मकान में स्कूल को संचालित किया जा रहा है। स्कूल में कक्षा पहली से लेकर पांचवीं तक 55 बच्चे दर्ज है। ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर नए शाला भवन बनाए जाने की मांग की है।

बालाघाट. शाला भवन जर्जर हो गया है। दो माह से शाला में कक्षाओं का संचालन नहीं हो रहा है। शाला के समीप ही मकान में स्कूल को संचालित किया जा रहा है। स्कूल में कक्षा पहली से लेकर पांचवीं तक 55 बच्चे दर्ज है। ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर नए शाला भवन बनाए जाने की मांग की है। मामला जिले के दक्षिण बैहर के शासकीय प्राथमिक शाला बरवाही का है।
जानकारी के अनुसार शासकीय प्राथमिक शाला बरवाही का निर्माण कार्य वर्ष 1984-85 में हुआ था। अब यह शाला भवन काफी जर्जर हो गया है। शाला के संचालन के दौरान बच्चों की जान जोखिम में रहती है। अनेक बार शाला प्रबंधन और ग्रामीणों ने नए शाला भवन की मांग की थी। लेकिन किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। मजबूरी में एक बार फिर ग्रामीण जिला मुख्यालय पहुंचे। कलेक्टर से मुलाकात कर उन्हें स्कूल की समस्याओं से अवगत कराया। साथ ही नए शाला भवन की मांग की।
कभी भी हो सकता है हादसा
जिला मुख्यालय पहुंचे ग्रामीणों ने बताया कि शाला भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। जो कभी भी गिर सकता है। शाला भवन की जर्जर हालत को देखते हुए 2 माह पूर्व स्कूल को बंद कर दिया गया है। शाला के समीप ही एक मकान में स्कूल का संचालन किया जा रहा है। लेकिन यहां पर पर्याप्त व्यवस्था न होने से स्कूल का संचालन किए जाने में परेशानी हो रही हैं।
55 बच्चे करते हैं शिक्षा अध्ययन
बरवाही में कक्षा पहली से लेकर पांचवीं तक की शिक्षा दिलाने के लिए प्राथमिक शाला का संचालन किया जा रहा है। इस स्कूल में गांव के 55 बच्चे कक्षा पहली से लेकर पांचवीं तक की पढ़ाई कर रहे है। लेकिन हादसे की संभावना के चलते अब शाला में कोई भी बच्चा नहीं जाना चाहता। ग्रामीणों ने बताया कि स्थानीय स्तर से लेकर जिला स्तर पर कई बार आवेदन निवेदन किया जा चुका है। लेकिन प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। जिसके कारण समस्या जस की तस बनी हुई है।
इनका कहना है
शाला भवन का निर्माण कार्य वर्ष 1984-85 में हुआ है। शाला भवन अब काफी जर्जर हो चुका है। यहां पर कभी भी हादसा हो सकता है। बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए समीप ही एक मकान में स्कूल का संचालन किया जा रहा है।
-जितेंद्र अडमे, ग्रामीण
प्राथमिक शाला में कक्षा पहली से लेकर पांचवीं तक 55 बच्चे शिक्षा अध्ययन करते हैं। बच्चों की जान पर हमेशा खतरा मंडराते रहता है। शाला प्रबंधन और ग्रामीणों ने नए शाला भवन की मांग की है। लेकिन किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
-सुरेश वल्के, ग्रामीण
शाला भवन की स्थिति से प्रशासनिक अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों को अवगत करा दिया गया है। ज्ञापन भी सौंप चुके हैं। लेकिन आज तक किसी ने कोई पहल नहीं की। जिसके कारण समस्या जस की तस बनी हुई है।
-गणेश पंद्रे, ग्रामीण

Updated on:
30 Aug 2024 09:58 pm
Published on:
30 Aug 2024 09:57 pm
Also Read
View All

अगली खबर