मृतक के परिजनों को एचसीएल से मुआवजा दिलाने की मांग बस पलटने से 22 मजदूर हुए थे घायल, एक की इलाज के दौरान हुई है मौत
ताम्र परियोजना मलाजखंड में 11 नवंबर को हुए बस हादसे में करीब 22 मजदूर घायल हो गए थे। इनमें से गंभीर रूप से घायल मजदूर मंगलेश पिता कन्हैया यादव (38) ग्राम भीड़ी परसवाड़ा की उपचार के दौरान बुधवार को रायपुर के अस्पताल में मौत हो गई है। मृतक के परिजन, नाते रिश्तेदार व ग्रामीणों ने रायपुर से शव आने के पूर्व ही शाम से ताम्र परियोजना के मुख्य गेट के सामने एकजुट हो गए थे। शव पहुंचने पर एचसीएल के सामने शव रखकर गुरूवार की प्रात: करीब साढ़े तीन बजे तक प्रदर्शन किया गया। सभी ने मुआवजा राशि की मांग को लेकर जमकर प्रदर्शन किया गया।
इधर, प्रदर्शन की जानकारी मिलते ही बैहर विधायक संजय उइके भी मौके पर पहुंचे थे। जिन्होंने परिजनों व प्रदर्शनकारियों से चर्चा कर ताम्र परियोजना में काम कर रही एसएमएस कंपनी के पदाधिकारियों से बातचीत करने की बात कही। इस पूरे प्रदर्शन के दौरान मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ जाने वाला मार्ग बाधित रहा।
प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि मंगलेश यादव अपने घर में कमाने वाला एक ही था। अब घर में उसकी पत्नी और एक छोटा पुत्र है। ऐसे में उन्हें जीविका चलाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। इसके लिए मृतक के परिजनों को पालन पोषण के लिए दो करोड़ की सहायता राशि प्रदान की जाए। मृतक की पत्नी को दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में स्वास्थ्य केंद्र मलाजखंड में कार्य पर रखने का प्रावधान लिखित में दें। बच्चे की शिक्षा का प्रबंधन आजीवन हो। पूरे परिजनों को नि:शुल्क इलाज मिलता रहे सहित 12 सूत्रीय मांगें शामिल है।
मौके पर पहुंचे विधायक संजय उइके और प्रशासनिक अधिकारियों ने संबंधित कंपनी के अधिकारियों से चर्चा के बाद नियमानुसार मुआवजा सहित अन्य मांगों को शीघ्र पूरा किए जाने का आश्वासन दिया। इसके बाद कहीं जाकर परिजन माने और धरना प्रदर्शन को विराम दिया गया।
एसएमएस कंपनी की एक बस मजदूरों को ताम्र खदान के अंडर ग्राउंड क्षेत्र में ले जा रही थीं। इसी दौरान साउथ ब्लाक में बस का ब्रेक फेल होने के कारण वह कई मीटर तक घिसटती चली गई। जिससे कई मजदूर घायल हो गए थे। इनमें से मंगलेश यादव को गंभीर चोटें आई थी। इसके बाद उसे इलाज के लिए छत्तीसगढ़ के रायपुर भेजा गया था। मलाजखंड थाना प्रभारी नरेंद्र यादव ने बताया कि मंगलेश यादव के शव को रायपुर से मलाजखंड लाने के बाद परिजनों ने प्रदर्शन किया था। जिन्हें समझाईश देकर धरना आंदोलन समाप्त करवाया गया। इस मामले में पहले ही एफआइआर दर्ज की जा चुकी है। मजदूर की मौत के बाद अब एफआइआर में संबंधित धाराओं को बढ़ाया जाएगा।