बालोद जिले के एक प्रौढ़ ने सोमवार की रात फांसी लगाकर जान दे दी, जिसकी जानकारी मंगलवार सुबह परिजन और ग्रामीणों को मिली। घटना के बाद परिजन आक्रोशित हो उठे और आत्महत्या का कारण पुलिस की लापरवाही बताते हुए विरोध करने लगे।
बालोद जिले के एक प्रौढ़ ने सोमवार की रात फांसी लगाकर जान दे दी, जिसकी जानकारी मंगलवार सुबह परिजन और ग्रामीणों को मिली। घटना के बाद परिजन आक्रोशित हो उठे और आत्महत्या का कारण पुलिस की लापरवाही बताते हुए विरोध करने लगे। उनका कहना था कि जिस युवक के खिलाफ दो माह पहले मामला दर्ज कराया गया था, उसकी गिरफ्तारी नहीं होने से मृतक लगातार तनाव में था। उसे धमकियां मिल रही थीं। इससे नाराज परिजन शव को लेकर थाना के लिए रवाना हुए। इधर पुलिस ने थाने के सामने पहले ही बैरिकेड लगा दिए। परिजनों को थाने के बाहर ही रोक लिया। परिजनों ने वहीं विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
मामले की सूचना मिलते ही पूर्व विधायक भैयाराम सिन्हा, वर्तमान विधायक संगीता सिन्हा और कांग्रेस जिला अध्यक्ष चंद्रेश हिरवानी मौके पर पहुंचे और परिजन का समर्थन किया। उन्होंने पुलिस पर कार्रवाई में ढिलाई बरतने का आरोप लगाया। पूछा कि जब दो महीने पहले मामला दर्ज हो चुका था, तो अब तक आरोपी को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया। उन्होंने चेतावनी दी कि एक सप्ताह में आरोपी को पुलिस गिरफ्तार नहीं करती तो बड़ा आंदोलन करेंगे। थाना प्रभारी ने उन्हें आश्वास्त किया कि आरोपी की तलाश जारी है। एक सप्ताह में उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
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इस घटना से नाराज परिजनों ने थाने के बाहर मृतक के शव को लगभग तीन घंटे तक वाहन में ही रखा। हालांकि पुलिस से जवाब मिला कि एक सप्ताह के भीतर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इसके बाद परिजन शव को अंतिम संस्कार के लिए गांव ले गए। मामला शांत हो गया।
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मृतक की बेटी का आरोपी युवक से प्रेम प्रसंग था। इसी दौरान युवती गर्भवती हो गई। परिजन ने युवक से शादी करने कहा, जिस पर वह राजी हुआ, लेकिन बाद में मुकर गया। युवती एवं उसके पिता से मारपीट करने लगा। मृतक के भाई का कहना है कि आरोपी लगातार परिवार को धमकियां दे रहा था। पुलिस से कई बार शिकायत के बावजूद कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई। मृतक कई दिनों से मानसिक तनाव में था। आखिरकार इसी दबाव में उसने आत्महत्या कर ली।