लगभग चार माह बाद वार्षिक व बोर्ड की परीक्षा होगी, लेकिन जिले के कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी के कारण शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है। पढ़ाई पिछड़ गई है।
Concern for the future लगभग चार माह बाद वार्षिक व बोर्ड की परीक्षा होगी, लेकिन जिले के कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी के कारण शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है। पढ़ाई पिछड़ गई है। अब बच्चे, पालक एवं शाला प्रबंधन समिति भी कलेक्टर व जिला शिक्षा विभाग से शिक्षकों की मांग कर रहे हंै। लेकिन जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग व्यवस्था करने में नाकाम है।
मंगलवार को आयोजित जनदर्शन में कलेक्ट्रेट में डोटोपार एवं डुंडेरा के ग्रामीण पहुंचे और शिक्षकों की भर्ती जल्द कराने की मांग की है। ग्रामीणों ने जिला शिक्षा विभाग व जिला प्रशासन से कहा कि जल्द रिक्त पदों पर शिक्षकों की भर्ती नहीं हुई तो स्कूल में तालाबंदी की जाएगी।
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डोटोपार के ग्रामीण अध्यक्ष भैयाराम साहू ने कहा कि शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला डोटोपार में गणित विषय का शिक्षक तीन साल से नहीं है। ऐसे में पढ़ाई प्रभावित हो रही है। स्कूल में गणित विषय के शिक्षक प्रभु राम मंडावी को संकुल समन्वयक बना दिया गया है। शिक्षक की भर्ती नहीं कर पाए तो संकुल समन्वयक के पद से मुक्त कर उनके गणित विषय की पढ़ाई करवाए।
ग्राम डुंडेरा में संचालित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में राजनीति विज्ञान एवं वाणिज्य विषय के शिक्षक नहीं है। पढ़ाई पिछड़ गई है। सरपंच छबिलाल कोर्राम ने कहा शिक्षा विभाग व जिला प्रशासन को भी गंभीरता बरतनी चाहिए। स्कूलों की मॉनिटरिंग भी करें। स्कूलों में शिक्षकों की कमी के कारण पढ़ाई पिछड़ गई है। जल्द रिक्त पदों पर शिक्षकों की भर्ती अनिवार्य रूप से करें।
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बीते दिनों ग्राम पीपरछेड़ी में संचालित पूर्व माध्यमिक विद्यालय व हायर सेकंडरी स्कूल के विद्यार्थियों, शाला प्रबंधन समितियों एवं शाला विकास समिति व ग्रामीणों ने मिलकर स्कूल में शिक्षकों और स्कूल भवन की मांग को लेकर आंदोलन किया था। स्कूल में तालाबंदी भी की। शिक्षा विभाग ने शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (ज) सांकरा के एक शिक्षक पीपरछेड़ी भेज दिया। अब सांकरा (ज) के ग्रामीण व शाला प्रबंधन समिति के सदस्यों व विद्यार्थी शिक्षक को वापस बुलाने की मांग कर रहे है। ग्रामीणों ने भी कहा कि जल्द शिक्षक को वापस नहीं किया गया तो आंदोलन होगा।
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बालोद जिला शिक्षा अधिकारी पीसी मरकले ने कहा कि हमने जिले के सभी स्कूलों से शिक्षकों की कमी की जानकारी मंगाई है। शिक्षकों की भर्ती के लिए शासन को पत्र लिखा गया है। जहां वैकल्पिक व्यवस्था हो सके, वहां वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है।