शासन की चार बड़े जलप्रदाय योजना का कार्य लगभग 80 प्रतिशत पूरा हो चुका है। साल 2026 में काम पूरा होने की उम्मीद पीएचई को है। नए साल में इसका लाभ जिले के 146 गांव के लोगों को मिलेगा।
बालोद जिले में शासन की चार बड़े जलप्रदाय योजना का कार्य लगभग 80 प्रतिशत पूरा हो चुका है। साल 2026 में काम पूरा होने की उम्मीद पीएचई को है। नए साल में इसका लाभ जिले के 146 गांव के लोगों को मिलेगा। पीएचई ने ठेकेदारों को तय समय पर काम को पूरा करने के निर्देश दिए हैं। इस सामूहिक जल प्रदाय योजना के तहत तांदुला जलाशय व खरखरा जलाशय के पानी की सप्लाई की जाएगी। सामूहिक जल प्रदाय की स्वीकृति 2022 में हुई थी।
पीएचई के मुताबिक इन चारों योजनाओं के तहत पाइपलाइन बिछकर तैयार है। अब चयनित गांवों में बनाई गई टंकी को बिछाई गई पाइपलाइन से जोड़ने का कार्य किया जाएगा।
पीएचई के मुताबिक कनेरी सामूहिक जल प्रदाय योजना के तहत 27 गांव, हीरापुर सामूहिक जल प्रदाय योजना के तहत 56 गांव, जुंगेरा सामूहिक जल प्रदाय योजना के तहत 32 गांव एवं डौंडीलोहारा सामूहिक जल प्रदाय योजना के तहत 31 गांव में पानी सप्लाई की जाएगी।
तांदुला जलाशय से कनेरी, हीरापुर सामूहिक जल प्रदाय के तहत पानी की सप्लाई की जाएगी। जुंगेरा जल प्रदाय के तहत गोंदली और डौंडीलोहारा सामूहिक जल प्रदाय योजना के तहत खरखरा जलाशय से पानी की सप्लाई करेंगे। फिल्टर प्लांट में पानी फिल्टर होकर चयनित गांव में पहुंचेगा।
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कनेरी जलप्रदाय योजना पर 44 करोड़ 81 लाख रुपए की लागत आएगी। इसके लिए धनोरा में फिल्टर प्लांट बन रहा है। डौंडीलोहरा जल प्रदाय योजना पर 42 करोड़ 2 लाख की लागत आएगी। फिल्टर प्लांट कोटेरा में बनाया जा रहा है। पानी की सप्लाई खरखरा जलाशय से की जाएगी। हीरापुर जल प्रदाय योजना पर 56 करोड़ 4 लाख की लागत आएगी। फिल्टर प्लांट देवारभाट में बनाया जा रहा है। जुंगेरा सामूहिक जल प्रदाय योजना में 35 करोड़ 13 लाख लाख रुपए खर्च होंगे। फिल्टर प्लांट ग्राम चिल्हाटी में बनाया जा रहा है।
पीएचई विभाग बालोद के ईई सागर वर्मा ने बताया कि चारों सामूहिक प्रदाय योजना के तहत काम अंतिम चरण में है। 80-90 फीसदी काम पूरा हो चुका है। उम्मीद है कि आने वाले मार्च से पहले ट्रायल कर लेंगे।