बलोदा बाज़ार

CG News: बिजली बिल हाफ योजना बदलते ही लगने लगा बिल का झटका, पुरानी योजना को लागू करने की मांग

CG News: बिजली बिल हाफ योजना को पुन लागू किया जाए। हालत अभी ऐसे हो गए हैं की मामूली खपत वाले एक औसत मध्य वर्गीय परिवार को भी इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

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CG News: सरकार के द्वारा बिजली बिल हाफ योजना में किए गए बदलाव का असर अब साफ दिखने लगा है। उपभोक्ताओं की जेब पर इसका बहुत बुरा असर पड़ रहा है। विशेष करके मध्यम परिवार के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अब 100 यूनिट से अधिक की बिजली खपत पर पूरा बिल वसूल किया जा रहा है।

अधिकांश घरों में बीते माह में आए बिल का डबल बिल आ रहा है। लोगों में इसको लेकर भारी नाराजगी है और लोगों ने सरकार से मांग की है कि 400 यूनिट तक बिजली बिल हाफ योजना को पुन लागू किया जाए। हालत अभी ऐसे हो गए हैं की मामूली खपत वाले एक औसत मध्य वर्गीय परिवार को भी इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 400 यूनिट तक की खपत पर हाफ बिल योजना शुरू की थी, उसे समय 400 यूनिट से अधिक खपत होने पर भी आधा बिल वसूल किया जाता था। लेकिन वर्तमान सरकार ने नियम बदल दिया है आप केवल 100 यूनिट तक की खपत पर ही आगे बिल का लाभ मिलेगा। 100 यूनिट से एक यूनिट भी अधिक होने पर पूरा बिल देना होगा, ऐसा विद्युत उपभोक्ता बताते हैं।

मध्यमवर्गीय परिवार के लोगों का कहना है कि हर तरफ से मध्य वर्गी परिवार की कमर तोड़ने का काम सरकारें करते रहती है। सरकार की किसी भी योजना का लाभ मध्यवर्गीय परिवार को नहीं मिल पाता है। इससे अब मध्यमवर्गी परिवारों में काफी नाराजगी देखी जा रही है। उन लोगों का कहना है कि एक बड़ा आदमी भी सरकार को वोट करता है और एक माध्यम वर्गी परिवार का भी व्यक्ति सरकार को वोट करता है और एक गरीब व्यक्ति भी फिर भी माध्यम वर्गी परिवार के लिए कोई भी सरकार किसी प्रकार की योजना क्यों नहीं बनती।

जैसे तैसे कोई योजना बनती है उसे समाप्त करने का काम दूसरी सरकारें कर देती है। योजना में बदलाव का असर उपभोक्ताओं पर साफ देखा जा रहा है, जिनके बल इस सीजन में समानता 800 से 900 तक आता था उन्हें इस बार लगभग उतनी ही बिजली खपत पर 1800 से 2000 तक का बिल भरना पड़ रहा है। उपभोक्ता अभी साधारण समय में बिजली की महंगी दर से और बिल से परेशान है। जब गर्मी का समय रहेगा उसको लेकर के उपभोक्ता अभी से चिंतित हैं, सरकार को इस दिशा में गंभीरता से विचार करना चाहिए।

Updated on:
08 Sept 2025 11:38 am
Published on:
08 Sept 2025 11:37 am
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