राज्य में कुल 125 पीएसयू में से 34 घाटे में चल रहे हैं, जबकि 16 बंद हो चुके हैं, क्योंकि उन्हें पुनर्जीवित नहीं किया जा सकता। सरकार को पुनरुद्धार के लिए धन लगाने की जरूरत है। यह तभी खर्च कर सकती है, जब निवेश अच्छा होने की संभावना हो। वित्त विभाग उनका मूल्यांकन करेगा।
बेंगलूरु. कर्नाटक सरकार ने विभागों से कहा है कि वे अपने अधीन 34 घाटे में चल रहे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) का मूल्यांकन करें और 31 जुलाई तक उनके भविष्य पर फैसला लें।
विधान परिषद में मंगलवार को भाजपा सदस्य के.एस. नवीन और जद (एस) सदस्य टी.ए. सरवण के सवालों का जवाब देते हुए वन मंत्री ईश्वर खंड्रे ने कहा कि विभागों को 15 फरवरी को कहा गया था कि वे बंद, घाटे में चल रहे और काम नहीं कर रहे पीएसयू का मूल्यांकन करें और परिसमापन, विलय या एकीकरण की दिशा में आगे बढ़ें।
उन्होंने कहा कि राज्य में कुल 125 पीएसयू में से 34 घाटे में चल रहे हैं, जबकि 16 बंद हो चुके हैं, क्योंकि उन्हें पुनर्जीवित नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, सरकार को पुनरुद्धार के लिए धन लगाने की जरूरत है। यह तभी खर्च कर सकती है, जब निवेश अच्छा होने की संभावना हो। वित्त विभाग उनका मूल्यांकन करेगा।