उद्देश्य छात्रों पर परीक्षा का बोझ डाले बिना उनमें नैतिक मूल्यों का निर्माण करना है।
-इस विषय के लिए कोई परीक्षा नहीं होगी
बेंगलूरु.
स्कूली शिक्षा और साक्षरता मंत्री मधु बंगरप्पा ने कहा कि इस शैक्षणिक वर्ष से कर्नाटक के सभी स्कूल सप्ताह में दो बार नैतिकता और नैतिक विज्ञान की कक्षाएं संचालित होंगी।
सोमवार को बल्लारी में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि इस विषय के लिए कोई परीक्षा नहीं होगी। इसका उद्देश्य छात्रों पर परीक्षा का बोझ डाले बिना उनमें नैतिक मूल्यों का निर्माण करना है।
उन्होंने आगे घोषणा की कि इस विषय को प्रभावी ढंग से संभालने के लिए 50,000 सरकारी स्कूल शिक्षकों को अजीम प्रेमजी फाउंडेशन प्रशिक्षित करेगा।
एसएसएलसी सुधारों के बारे में मंत्री ने कहा कि इस वर्ष से छात्रों को अपनी एसएसएलसी परीक्षा पास करने के लिए तीन मौके मिलेंगे। यह कदम सुनिश्चित करता है कि किसी भी छात्र को असफल न कहा जाए। हाल ही में आयोजित दूसरी एसएसएलसी परीक्षा में 84,000 छात्र उत्तीर्ण हुए। जो छात्र तीनों प्रयासों में असफल हो जाते हैं, उन्हें स्कूलों में फिर से दाखिला लेने की अनुमति मिलेगी।