भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने रंगनाथिट्टू पक्षी अभयारण्य के इको-सेंसिटिव जोन और नागरहोले टाइगर रिजर्व के बफर जोन में लगभग 54 हेक्टेयर भूमि के उपयोग की अनुमति मांगी है। यह 4,126 करोड़ की चार-लेन परियोजना मौजूदा दो-लेन मैसूरु-मडिकेरी मार्ग का विकल्प बनेगी।
राज्य वन्यजीव बोर्ड Karnataka Wildlife Board की स्थाई समिति से मंजूरी मिलने के बाद राज्य सरकार Karnataka Government ने 92.3 किमी मैसूरु-कुशलनगर एक्सेस-नियंत्रित हाईवे परियोजना के लिए आवश्यक दस्तावेज राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (एनबीडब्ल्यूएल) को भेज दिए हैं।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने रंगनाथिट्टू पक्षी अभयारण्य के इको-सेंसिटिव जोन और नागरहोले टाइगर रिजर्व के बफर जोन में लगभग 54 हेक्टेयर भूमि के उपयोग की अनुमति मांगी है। यह 4,126 करोड़ की चार-लेन परियोजना मौजूदा दो-लेन मैसूरु-मडिकेरी मार्ग का विकल्प बनेगी। परियोजना का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मार्च 2023 को किया था।पूर्व सांसद प्रताप सिम्हा ने बताया कि वन विभाग की मंजूरी के बाद 45 करोड़ की भुगतान प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और जल्द ही 22.7 किमी हिस्से का काम शुरू होगा।
सांसद यदुवीर कृष्णदत्ता चामराज वाडियार ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर पैकेज-2 में वन अनुमति और भूमि अधिग्रहण की समस्याओं के समाधान की मांग की है।एनबीडब्ल्यूएल की मंजूरी अत्यंत महत्वपूर्ण है और प्रस्ताव को दिसंबर की बैठक में लिया जा सकता है। परियोजना नागरहोले टाइगर रिजर्व के निकट होने के कारण इसे राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) समीक्षा के लिए भी भेजा जा सकता है।
अधिकारियों के अनुसार, मार्ग केवल 1.25 किमी बफर जोन से होकर गुजरता है और मुख्य वन क्षेत्र को नहीं छूता, इसलिए मंजूरी प्रक्रिया सुगम रहने की संभावना है।वन क्षेत्र में कार्य के लिए सख्त शर्तें लागू होंगी। शाम 6 बजे के बाद निर्माण बंद रहेगा और भारी वाहनों की रात में पार्किंग पर रोक रहेगी। अनुमति मिलने पर कार्य दो वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।