विशेषज्ञों का कहना है कि यदि बीमारी की पहचान समय पर होती और संक्रमित जानवरों को अलग किया जाता। इससे नुकसान कम हो सकता था। नियमित स्वास्थ्य निगरानी का अभाव और बीमारी के शुरुआती संकेतों पर देर से प्रतिक्रिया को गंभीर चूक माना जा रहा है।
बेलगावी में कित्तूर रानी चेन्नमा चिड़ियाघर में काले हिरणों (ब्लैकबक) की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। दो और काले हिरण Blackbuck की मौत के बाद कुल मृतक संख्या बढ़कर 31 हो गई है। अधिकारियों के अनुसार, यह मौत भी बैक्टीरियल संक्रमण यानी हेमोरैजिक सेप्टीसीमिया के चलते हुई है। यह एक गंभीर और प्राणघातक बैक्टीरियल बीमारी है, जो केवल शाकाहारी जानवरों में फैलती है।
चिड़ियाघर में बचे हुए कुछ ब्लैकबक्स की कड़ी निगरानी की जा रही है और उन पर गहन चिकित्सकीय पर्यवेक्षण जारी है।करीब एक सप्ताह में 31 मौतों ने गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि बीमारी की पहचान समय पर होती और संक्रमित जानवरों को अलग किया जाता। इससे नुकसान कम हो सकता था। नियमित स्वास्थ्य निगरानी का अभाव और बीमारी के शुरुआती संकेतों पर देर से प्रतिक्रिया को गंभीर चूक माना जा रहा है।