बैंगलोर

युवा पीढ़ी को बोस की विरासत का अनुसरण करना चाहिए : गुंडूराव

मंत्री ने कहा, मंगलूरु बोस पर पुस्तकों के विमोचन के लिए सबसे उपयुक्त स्थान है। भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से बहुत पहले ही मंगलूरु में स्वतंत्रता संग्राम शुरू हो चुका था।

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Sep 01, 2025

मेंगलूरु जिला प्रभारी मंत्री दिनेश गुंडूराव ने युवा पीढ़ी से भारत की स्वतंत्रता के लिए लडऩे वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस Netaji Subhash Chandra Bose के इतिहास को पढऩे और समझने का आह्वान किया।

उन्होंने मंगलूरु स्थित यूनिवर्सिटी कॉलेज के रवींद्र कला भवन में प्रोफेसर के. ई. राधाकृष्ण द्वारा बोस पर कन्नड़ में अनुवादित तीन पुस्तकों का विमोचन करने के बाद कहा कि बोस ने धर्म और जाति की परवाह किए बिना लोगों को एकजुट करके भारत के लिए संघर्ष किया था। वे चाहते थे कि भारत स्वतंत्र और अखंड रहे। हमें एकजुट रहने के लिए बोस की विरासत का अनुसरण करना चाहिए।

देश को विभाजित करने की कोशिश कर रही कई ताकतें हैं। हालांकि, हमें बोस की भावना में एकजुट रहना चाहिए।

मंत्री ने कहा, मंगलूरु बोस पर पुस्तकों के विमोचन के लिए सबसे उपयुक्त स्थान है। भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से बहुत पहले ही मंगलूरु में स्वतंत्रता संग्राम शुरू हो चुका था। पुस्तकों का कन्नड़ में अनुवाद लोगों को पढऩे में मदद करेगा।

बोस ने कम उम्र में ही भारतीय सिविल सेवा की परीक्षा पास कर ली थी, लेकिन उन्होंने 1921 में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने के लिए इस पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने आजाद हिंद फौज की स्थापना भी की थी। उन्होंने झांसी की रानी नामक एक महिला रेजिमेंट का भी गठन किया था।

Published on:
01 Sept 2025 07:43 pm
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