बांसवाड़ा

Rajasthan News : एक शिक्षक को 82 दिन में हो गई तीसरी संतान! उठे सवाल, सब हैं हैरान

Banswara Teacher Paper Miracle : एक शिक्षक को 82 दिन में हो गई तीसरी संतान! उठे सवाल, सब हैं हैरान। बांसवाड़ा के सज्जनगढ़ क्षेत्रवासी और पाली में कार्यरत एक शारीरिक शिक्षक ने किया यह कारनामा। जानें पूरा मामला।

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Banswara Teacher Paper Miracle : बांसवाड़ा के सज्जनगढ़ क्षेत्रवासी और पाली में कार्यरत एक शारीरिक शिक्षक पर संतान सबंधी जानकारी छुपाने और फर्जी दस्तावेजों के जरिए नौकरी हथियाने का आरोप लगा है। इस संबंध में एसओजी को लिखित में की गई शिकायत की जांच के बाद ही मामला साफ हो जाएगा। स्कूल रिकॉर्ड में शिक्षक के 3 संतानें बताई गई हैं। शिकायत में आरोप है कि उसने तथ्य छुपाकर नौकरी पाई। यह भी जांच से साफ होगा कि शिक्षक की दो बेटियों की जन्म तारीख में केवल 82 दिन का अंतर दस्तावेजों में क्यों है? महुड़ी निवासी विकास गरासिया पाली के बाली-कोठार स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में शारीरिक शिक्षक है। विकास का चयन 4 जून, 2016 को हुआ। उसने 3 जून 2016, को विभाग को पेश शपथ-पत्र में केवल 2 संतानें, पुत्र साहिल और पुत्री महिमा गरासिया का उल्लेख किया। उसके राशन कार्ड में भी दो ही संतानें बताई हैं। आरोपी के खिलाफ कई शिकायतें पहले भी हुईं।

दो संतानों में 82 दिन का अंतर

राजस्थान के बांसवाड़ा के विलेश गरासिया ने विभाग को लिखित शिकायत की तो आरोपी शिक्षक ने जवाब दिया कि जिस बच्ची शिफा की बात की जा रही है, वह उसकी पुत्री है ही नहीं। सज्जनगढ़ के गुड सैफर्ड स्कूल ने आरटीआई में मांगी सूचना के जवाब में विकास के तीन संतानें रिकॉर्ड में दर्ज होना बताया। बेटे साहिल की जन्म तिथि 14 नवबर, 2000 है, जबकि दूसरे नबर की बेटी महिमा की जन्मतिथि 10 दिसबर, 2002 है। तीसरी संतान शिफा पुत्री विकास गरासिया की जन्मतिथि 2 मार्च, 2003 है। दोनों बेटियों की जन्मतिथि के बीच केवल दो माह और 20 दिन का अंतर है। तीन विद्यार्थियों की माता का नाम सुशीला है।

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शिकायत पर जान से मारने की धमकी

शिकायतकर्ता विलेश गरासिया ने बताया मैंने शिकायत की तो मुझे जाने से मारने की धमकी मिली। पूरे दस्तावेजों के साथ मैंने एसओजी को लिखित शिकायत की है। आरोपी ने विभाग के कुछ लोगों से मिलीभगत कर ली है।

यह है संतान सबंधी नियम

शिक्षा विभाग की 8 जून, 2003 को जारी अधिसूचना के मुताबिक 1 जून, 2002 को या इसके बाद दो से अधिक संतान नहीं होने का शपथ-पत्र हरेक चयनित अभ्यर्थी को देना अनिवार्य है। सरकारी सेवा में आने वाले शिक्षक अपनी सभी संतान सबंधी जानकारी इसमें देते हैं। यदि इस नियमानुसार शपथ-पत्र में तीनों बच्चों की जानकारी कोई साझा करता है, तो उसे सरकारी नौकरी नहीं दी जाती है।

राशनकार्ड में नहीं नाम

आरोपी के राशन कार्ड में दो ही संतान का उल्लेख है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि ऐसा इसलिए किया गया, ताकि कभी जांच होने पर वह बच सके।

सवाल-जवाब… सुनें रह जाएंगे हैरान

रिपोर्टर - शिफा के पिता बोल रहे हैं?
विकास - हां, शिफा का पिता बोल रहा हूं।

रिपोर्टर - आपके खिलाफ शिकायत हुई है कि आपके 3 बच्चे हैं और आपने दस्तावेज में 2 ही बताए हैं।
विकास - आप कौन हो, कहां से हो? मैं आपको कैसे बता सकता हूं?

रिपोर्टर - आपने कहा कि आप शिफा के पिता बोल रहे हैं, जबकि दस्तावेज में उसका नाम नहीं है।
विकास - अरे… मैं आपको मिलकर बताता हूं कि वह मेरी बेटी कैसे है। मेरे पास दस्तावेज हैं। आप रुको… मैं बताऊंगा।

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Published on:
05 Aug 2024 05:07 pm
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