बरेली

एआई से बदलेगी ट्रैफिक व्यवस्था, दुर्घटनाओं में आएगी कमी, एडीजी बोले सड़क सुरक्षा को आदत बनाएं, जिम्मेदारी नहीं

शहर में शनिवार को बड़े उत्साह और हर्षोल्लास के साथ यातायात माह 2025 का आगाज हुआ। मौके पर एडीजी रामित शर्मा ने कहा कि सड़क सुरक्षा सिर्फ जिम्मेदारी नहीं, बल्कि इसे अपनी आदत बनाना जरूरी है। उन्होंने यह भी जोर दिया कि अगर बच्चों को स्कूल स्तर से ही ट्रैफिक शिक्षा दी जाए, तो भविष्य में सड़क हादसों की संख्या अपने आप घट जाएगी।

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Nov 01, 2025

बरेली। शहर में शनिवार को बड़े उत्साह और हर्षोल्लास के साथ यातायात माह 2025 का आगाज हुआ। मौके पर एडीजी रामित शर्मा ने कहा कि सड़क सुरक्षा सिर्फ जिम्मेदारी नहीं, बल्कि इसे अपनी आदत बनाना जरूरी है। उन्होंने यह भी जोर दिया कि अगर बच्चों को स्कूल स्तर से ही ट्रैफिक शिक्षा दी जाए, तो भविष्य में सड़क हादसों की संख्या अपने आप घट जाएगी।

एडीजी रामित शर्मा ने कहा कि इस अभियान में स्मार्ट सिग्नल सिस्टम, सीसीटीवी निगरानी और एआई आधारित ट्रैफिक कंट्रोल जैसी आधुनिक तकनीकें शामिल की जाएंगी, जिससे शहर की ट्रैफिक व्यवस्था और मजबूत होगी। इस मौके पर डीआईजी अजय कुमार साहनी, एसएसपी अनुराग आर्य, एसपी ट्रैफिक मो. अकमल खान, एसपी साउथ अंशिका वर्मा, एसपी उत्तरी मुकेश चंद्र मिश्र और सीओ ट्रैफिक अंजनी कुमार तिवारी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और स्कूली बच्चे मौजूद रहे।

2030 तक सड़क हादसों में 50 प्रतिशत कमी का लक्ष्य

डीआईजी अजय कुमार साहनी ने बताया कि पूरे जिले में जागरूकता रैली, स्कूल कार्यक्रम, पोस्टर अभियान और रोड शो चलेंगे। उनका लक्ष्य है कि 2030 तक सड़क हादसों को आधा किया जाए। उन्होंने अभिभावकों से भी अपील की कि 18 साल से कम उम्र के बच्चों को वाहन न चलाने दें। एसएसपी अनुराग आर्य ने कहा यातायात नियम तभी सुरक्षित हैं जब लोग उन्हें जानें और समझें। हेलमेट, सीट बेल्ट और संयम से गाड़ी चलाना ही जीवन की गारंटी है। तेज रफ्तार और गलत साइड ड्राइविंग से बचें, क्योंकि इंतजार करने वाला परिवार घर पर होता है अस्पताल में नहीं।

शहर में बदल रही ट्रैफिक व्यवस्था

एसपी ट्रैफिक मो. अकमल खान ने बताया कि शहर में जाम की समस्या को कम करने के लिए कई बड़े कदम उठाए गए हैं। कुछ प्रमुख इलाकों में ई-रिक्शा पर आंशिक प्रतिबंध लगाया गया है, ताकि मुख्य सड़कों पर यातायात सुचारू रूप से चल सके। साथ ही, स्कूलों में ट्रैफिक जागरूकता कार्यक्रम और सोशल मीडिया के जरिए लगभग 1 करोड़ लोगों तक सड़क सुरक्षा के संदेश पहुंचाए गए। उनका कहना है कि 2025 में सड़क हादसों में कमी इन प्रयासों की सफलता को दर्शाती है।

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