नवाबगंज ट्रांसमिशन उपकेंद्र में गंभीर लापरवाही के चलते छह सबस्टेशनों की बिजली आपूर्ति बाधित हो गई थी, जिससे लगभग 450 गांवों के लाखों ग्रामीण अंधेरे में डूब गए। मामले में उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बरेली ट्रांसमिशन के अधीक्षण अभियंता पूरनचंद और अधिशासी अभियंता नरेश कुमार को निलंबित कर दिया है। वहीं मुख्य अभियंता जेपी विमल से स्पष्टीकरण तलब किया गया है।
बरेली। नवाबगंज ट्रांसमिशन उपकेंद्र में गंभीर लापरवाही के चलते छह सबस्टेशनों की बिजली आपूर्ति बाधित हो गई थी, जिससे लगभग 450 गांवों के लाखों ग्रामीण अंधेरे में डूब गए। मामले में उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बरेली ट्रांसमिशन के अधीक्षण अभियंता पूरनचंद और अधिशासी अभियंता नरेश कुमार को निलंबित कर दिया है। वहीं मुख्य अभियंता जेपी विमल से स्पष्टीकरण तलब किया गया है।
नवाबगंज ट्रांसमिशन उपकेंद्र में 40 एमवीए के दो ट्रांसफार्मर लगे थे। इनमें से एक ट्रांसफार्मर 9 अप्रैल को खराब हो गया था, लेकिन अधिकारियों ने समय पर मरम्मत नहीं कराई। इसके बजाय पूरे लोड को दूसरे ट्रांसफार्मर पर डाल दिया गया। यह भी अधिक भार के चलते 23 अप्रैल को फुंक गया।
इसके बाद नवाबगंज ग्रामीण, नवाबगंज कस्बा, हाफिजगंज, क्योलड़िया, चुनुआ और रिठौरा जैसे छह सबस्टेशनों से जुड़े 450 से अधिक गांवों में बिजली पूरी तरह से ठप हो गई। गर्मी के मौसम में बिजली गुल होने से ग्रामीण क्षेत्रों में हाहाकार मच गया।
बिजली आपूर्ति ठप होने की शिकायतें लगातार लखनऊ तक पहुंच रही थीं। इसी दौरान नवाबगंज विधायक डॉ. एमपी आर्य ने पावर कॉरपोरेशन मुख्यालय को पत्र लिखकर दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
इसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष गोयल ने बृहस्पतिवार को लखनऊ स्थित शक्ति भवन में समीक्षा बैठक की। बैठक में ही उन्होंने यह कठोर निर्णय लिया।
बिजली संकट के समय विभाग ने किसी वैकल्पिक व्यवस्था की तैयारी नहीं की थी, जिससे हालात और बिगड़ते गए। जब मामला आला अधिकारियों तक पहुंचा, तब जाकर दोहना ट्रांसमिशन उपकेंद्र से सीमित आपूर्ति शुरू की गई, जिससे कुछ राहत मिल सकी।
डॉ. आशीष गोयल ने स्पष्ट निर्देश दिए कि गर्मी के मौसम में बिजली आपूर्ति बाधित करने वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। ट्रांसफार्मर जलने जैसी घटनाओं को हल्के में नहीं लिया जाएगा और लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।