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कोहरे ने बरेली को जकड़ा, शिमला से भी ठंडा हुआ शहर, पारा लुढ़ककर 14 डिग्री पर पहुंचा, दृश्यता शून्य, जनजीवन ठप

जिले में सर्दी और कोहरे ने कहर बरपा दिया है। शुक्रवार को धूप की आस लगाए बैठे शहरवासियों को घने कोहरे और बर्फीली हवाओं ने पूरी तरह बेहाल कर दिया। सुबह से लेकर शाम तक कोहरे की चादर इतनी घनी रही कि कई इलाकों में दृश्यता शून्य तक पहुंच गई। कड़ाके की ठंड के बीच लोग ठिठुरते हुए दिन गुजारने को मजबूर रहे।

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बरेली। जिले में सर्दी और कोहरे ने कहर बरपा दिया है। शुक्रवार को धूप की आस लगाए बैठे शहरवासियों को घने कोहरे और बर्फीली हवाओं ने पूरी तरह बेहाल कर दिया। सुबह से लेकर शाम तक कोहरे की चादर इतनी घनी रही कि कई इलाकों में दृश्यता शून्य तक पहुंच गई। कड़ाके की ठंड के बीच लोग ठिठुरते हुए दिन गुजारने को मजबूर रहे।

मौसम विभाग के आंकड़ों ने सर्दी की मार को और पुख्ता कर दिया। शुक्रवार को बरेली का अधिकतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो पहाड़ी शहर शिमला (15.6 डिग्री) से भी कम रहा। इसी के साथ बरेली प्रदेश के दूसरे सबसे ठंडे जिले के रूप में दर्ज हुआ। गुरुवार देर रात से ही कोहरे ने शहर को जकड़ लिया था। उत्तरी क्षेत्रों से आई बर्फीली हवाओं और दिन में धूप न निकलने से उष्मीय विकिरण बढ़ा, जिससे कोहरे की चादर और सघन हो गई। भोर में दृश्यता पूरी तरह समाप्त रही, जबकि दिन में भी कई स्थानों पर यह 30 से 50 मीटर से आगे नहीं बढ़ सकी। पूरे दिन सूरज के दर्शन नहीं हुए।

अलाव ही बना सहारा, बाजारों पर सन्नाटा

ठंड और कोहरे के चलते जनजीवन पूरी तरह प्रभावित रहा। राहगीर और मजदूर जगह-जगह अलाव जलाकर सर्दी से बचाव करते नजर आए। सड़कों पर वाहनों की आवाजाही सामान्य दिनों की तुलना में बेहद कम रही। शाम ढलते ही बाजारों में भीड़ घट गई और दुकानदारों ने जल्दी शटर गिरा दिए। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले दो दिनों तक घना कोहरा बना रहेगा। हालांकि शनिवार दोपहर तेज हवा चलने की स्थिति में कुछ देर के लिए हल्की धूप निकलने की संभावना जताई गई है।

कोहरे की मार से रेल यातायात बेपटरी

घने कोहरे ने रेल यातायात को भी बुरी तरह प्रभावित किया। लंबी दूरी की लगभग सभी ट्रेनें घंटों देरी से चलीं। 12209 सहरसा-अमृतसर गरीब रथ एक्सप्रेस नौ घंटे लेट पहुंची। 15909 अवध-असम और 12469 कानपुर-जम्मूतवी एक्सप्रेस छह-छह घंटे विलंब से आईं। 12391 श्रमजीवी और 13152 कोलकाता एक्सप्रेस चार घंटे, जबकि साबरमती-वाराणसी सुपरफास्ट, योनगरी ऋषिकेश और श्रमजीवी एक्सप्रेस दो घंटे देरी से पहुंचीं। गोरखपुर-इज्जतनगर एक्सप्रेस ने यात्रियों को तीन घंटे इंतजार कराया। इसके अलावा संगम, कामाख्या, राज्यरानी, बाघ, सरयू-यमुना और गंगा-सतलुज एक्सप्रेस सहित कई गाड़ियां लेटलतीफी की शिकार रहीं।

सर्दी का असर: रोडवेज बसों में सन्नाटा

कड़ाके की ठंड और कोहरे का असर बस सेवाओं पर भी साफ दिखा। रोडवेज की एसी बसों में यात्रियों की संख्या 35 से 40 फीसदी तक घट गई है। यात्रियों की कमी के चलते रात्रिकालीन सेवाएं निरस्त की जा रही हैं। न्यूनतम 25 यात्रियों की संख्या पूरी होने पर ही बसों को रवाना किया जा रहा है। रोजाना औसतन तीन एसी बसें निरस्त करनी पड़ रही हैं। सामान्य बसों के फेरों में भी कटौती की गई है। बरेली परिक्षेत्र के बरेली, रुहेलखंड, पीलीभीत और बदायूं डिपो के पास अब कुल 57 लग्जरी और एसी बसें हैं। क्षेत्रीय प्रबंधक दीपक चौधरी के अनुसार, मुख्यालय के निर्देश पर सेवाओं का संचालन किया जा रहा है, लेकिन यात्रियों की संख्या कम होने के कारण बसों को निरस्त कर यात्रियों को अन्य सेवाओं में समायोजित किया जा रहा है।