बरेली

नए बिल्डिंग बायलॉज में बड़ा बदलाव: अब आवासीय भवन के 25% हिस्से में डॉक्टर, वकील और आर्किटेक्ट खोल सकेंगे क्लिनिक-ऑफिस

नए बिल्डिंग बायलॉज लागू होने के बाद अब प्रोफेशनल्स को अपने आवासीय भवन में क्लिनिक या कार्यालय खोलने की अनुमति मिल गई है। डॉक्टर, आर्किटेक्ट, वकील और अन्य पेशेवर अब बिना किसी अतिरिक्त अनुमति के अपने घर के 25 प्रतिशत हिस्से में क्लिनिक या दफ्तर संचालित कर सकेंगे।

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Jul 11, 2025

बरेली। नए बिल्डिंग बायलॉज लागू होने के बाद अब प्रोफेशनल्स को अपने आवासीय भवन में क्लिनिक या कार्यालय खोलने की अनुमति मिल गई है। डॉक्टर, आर्किटेक्ट, वकील और अन्य पेशेवर अब बिना किसी अतिरिक्त अनुमति के अपने घर के 25 प्रतिशत हिस्से में क्लिनिक या दफ्तर संचालित कर सकेंगे।
यह जानकारी बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) के अधिकारियों को लखनऊ में आयोजित कार्यशाला में दी गई, जिसमें बीडीए उपाध्यक्ष डॉ. मनिकंडन ए और मुख्य नगर नियोजक अजय कुमार सिंह ने हिस्सा लिया।

प्रमुख बदलाव – नया बायलॉज क्या कहता है?

नौ मीटर चौड़ी सड़क पर खुल सकेंगे पॉली क्लीनिक:
ऐसे क्लीनिक जहाँ मरीज भर्ती नहीं होते, उन्हें नौ मीटर चौड़ी सड़कों पर संचालित करने की छूट दी गई है। इसके लिए अब अलग से व्यावसायिक ज़ोन में होना जरूरी नहीं।

अब सात मीटर सड़क पर भी लगेगा उद्योग:
पहले 12 मीटर से कम चौड़ी सड़क पर औद्योगिक निर्माण संभव नहीं था, लेकिन अब 7 मीटर चौड़ी सड़क से सटी कृषि भू-उपयोग वाली जमीन पर भी उद्योग लगाए जा सकते हैं।

सेटबैक के बाद पूरा प्लॉट उपयोग की अनुमति:
अब भूखंड पर निर्धारित सेटबैक छोड़ने के बाद शेष क्षेत्र में पूरा निर्माण किया जा सकेगा। इससे ग्राउंड कवरेज की सीमा में राहत मिलेगी।

एफएआर और सड़क चौड़ाई के अनुसार निर्माण की छूट

अब एफएआर (Floor Area Ratio) को तीन वर्गों में बांटा गया है।

45 मीटर या उससे अधिक चौड़ी सड़क पर शुल्क देकर अधिक मंजिल निर्माण संभव होगा।

हालांकि, सुरक्षा मानकों के पालन और एअरफोर्स समेत अन्य संस्थाओं के दिशानिर्देशों का पालन अनिवार्य होगा।

18 मीटर चौड़ी सड़क पर बनेगा बाजार स्ट्रीट मॉडल

यदि किसी भूखंड के सामने की सड़क 18 मीटर या उससे अधिक चौड़ी है, तो ग्राउंड फ्लोर और पहली मंजिल पर व्यावसायिक गतिविधियों की अनुमति रहेगी। यह निर्णय शहरी बाजार को सशक्त करने और मल्टी-यूज डेवलपमेंट को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है।

नदी तट के लिए विशेष दिशा-निर्देश

गंगा और उसकी सहायक नदियों के 200 मीटर दायरे में केवल मंदिर, धर्मशाला आदि का निर्माण हो सकेगा, वह भी पर्यावरणीय नियमों के अनुपालन के साथ। अन्य नदियों के किनारे निर्माण के लिए NGT के दिशा-निर्देश और शासनादेशों का पालन जरूरी होगा।

नक्शा पास कराने की प्रक्रिया हुई आसान

नियोजित कॉलोनियों में 100 वर्ग मीटर तक आवासीय और 30 वर्ग मीटर तक व्यवसायिक निर्माण के लिए नक्शा स्वीकृति की आवश्यकता नहीं।

सिर्फ एक रुपये का शुल्क देकर बीडीए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा।

500 वर्ग मीटर तक के आवासीय और 200 वर्ग मीटर तक के व्यवसायिक भवन अब आर्किटेक्ट के प्रमाणपत्र से स्वतः स्वीकृत माने जाएंगे।

पहले यह छूट सिर्फ 300 वर्ग मीटर व्यवसायिक भवनों तक सीमित थी।

ब्यूरोक्रेसी पर निर्भरता होगी कम

अब अधिकांश मानचित्र बीडीए कार्यालय स्तर पर ही स्वीकृत कर लिए जाएंगे। बोर्ड की प्रक्रिया से गुजरने की आवश्यकता कम होगी, जिससे नक्शा पास कराने में लगने वाला समय और प्रक्रिया दोनों आसान हो जाएंगी।

बीडीए उपाध्यक्ष डॉ. मनिकंडन ए ने बताया कि नए नियमों के तहत आम आदमी और प्रोफेशनल्स को राहत देने का प्रयास किया गया है। ऑनलाइन पोर्टल से आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाया गया है, ताकि लोग अनावश्यक दौड़-भाग से बचें। मुख्य नगर नियोजक अजय कुमार सिंह ने बताया कि "जल्द ही नए बिल्डिंग बायलॉज के व्यवहारिक पहलुओं को समझाने के लिए बरेली में भी कार्यशाला आयोजित की जाएगी।"

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