बरेली

एसआरएमएस में ‘देह से दिव्यता तक’ कार्यक्रम, देहदान को बताया महादान, बोले- शरीर जलाने से बेहतर है शिक्षा के काम आए

एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज में देह से दिव्यता तक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। मंच पर वो चेहरे थे, जिन्होंने मौत के बाद भी जीवन को सार्थक करने की ठान ली है। ये वही लोग हैं जिन्होंने देहदान का संकल्प लेकर समाज के लिए नई राह दिखाई है। कार्यक्रम में 21 महादानियों को सम्मानित किया गया, जिन्हें कॉलेज ने आधुनिक महर्षि दधीचि की उपाधि दी।

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Nov 12, 2025

बरेली। एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज में देह से दिव्यता तक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। मंच पर वो चेहरे थे, जिन्होंने मौत के बाद भी जीवन को सार्थक करने की ठान ली है। ये वही लोग हैं जिन्होंने देहदान का संकल्प लेकर समाज के लिए नई राह दिखाई है। कार्यक्रम में 21 महादानियों को सम्मानित किया गया, जिन्हें कॉलेज ने आधुनिक महर्षि दधीचि की उपाधि दी।

कार्यक्रम की शुरुआत एमबीबीएस बैच 2025 के विद्यार्थियों की कैडेवरिक शपथ से हुई। विद्यार्थियों ने एनाटॉमी विभाग में मानव शरीर को अपना पहला शिक्षक मानते हुए उसकी गरिमा और सम्मान का वचन लिया। इसके बाद एनाटॉमी विभाग की ओर से सम्मान समारोह शुरू हुआ, जिसमें ट्रस्ट के चेयरमैन देव मूर्ति जी ने सभी महादानियों को अंगवस्त्र, स्मृति चिह्न और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया।

देव मूर्ति ने कहा कि अब तक 87 लोग एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज में अपनी देहदान कर चुके हैं, जबकि 80 और लोगों ने इसके लिए शपथ पत्र दिया है। देहदान जैसा संकल्प लेना और परिवार का उसे पूरा करना आसान नहीं होता। ये सच्चे अर्थों में समाज के नायक हैं, जो मरने के बाद भी जीवन दे रहे हैं।

कार्यक्रम में एनाटॉमी विभाग की एचओडी डा. नमिता मेहरोत्रा ने कहा कि देहदान करने वाले लोग मानवता की सेवा का सर्वोत्तम उदाहरण हैं। आपका यह निस्वार्थ दान आने वाली पीढ़ी को कुशल चिकित्सक बनाने में मदद करेगा। समारोह के अंत में डा. शंभु प्रसाद ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर आदित्य मूर्ति, प्रिंसिपल एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) डा. एम.एस. बुटोला, डा. धनंजय कुमार, डा. समता तिवारी और सभी विभागाध्यक्ष मौजूद रहे। संचालन डा. कंचन बिष्ट ने किया।

बहन के देहदान के बाद भाई का संकल्प

जनकपुरी निवासी इंजीनियर सुभाष मेहरा और उनकी पत्नी डा. उषा रानी मेहरा ने बहन कुमारी चंचल मल्होत्रा की अंतिम इच्छा पूरी करते हुए खुद भी देहदान का संकल्प लिया। सुभाष मेहरा ने कहा खुशी है कि मरने के बाद भी हमारा शरीर किसी की पढ़ाई और इलाज में काम आएगा।

मां-बेटे ने मिलकर लिया फैसला

बदायूं रोड निवासी उषा रानी सक्सेना और उनके बेटे प्रांजल सक्सेना ने एक साथ देहदान का निर्णय लिया। उषा रानी बोलीं अंतिम संस्कार में लकड़ी जलाने से अच्छा है कि शरीर किसी काम में आ जाए। प्रांजल ने बताया कि 2022 में धनतेरस के दिन उन्होंने शपथ पत्र लिया था। उन्होंने मुस्कराते हुए कहा अब हम धनतेरस नहीं, तनतेरस मनाते हैं।

पिता की राह पर चला पूरा परिवार

फरीदपुर डाइट के शिक्षक श्रीकांत मिश्रा ने बताया कि उनके पिता विष्णु प्रकाश मिश्रा ने बीस साल पहले देहदान का संकल्प लिया था, जो उनके निधन के बाद पूरा हुआ। अब उनकी मां डा. लता मिश्रा ने भी वही कदम उठाया है। श्रीकांत ने कहा अब हम दोनों भाइयों ने भी देहदान करने का निर्णय ले लिया है।

डा. नूपुर गोयल की प्रेरक बात

रामपुर गार्डन निवासी डा. नूपुर गोयल कहती हैं कि देहदान का निर्णय जितना आसान दिखता है, उतना होता नहीं। यह फैसला मेरा था, लेकिन परिवार को तैयार करना मुश्किल था। सातवीं क्लास में स्कूल में कंकाल देखकर देहदान का विचार आया था, अब जाकर संकल्प पूरा हुआ।

राजेंद्र अग्रवाल बोले – पुरानी मान्यताओं से ऊपर उठना होगा

मॉडल टाउन निवासी राजेंद्र प्रकाश अग्रवाल ने कहा जब पंचतत्व से बना शरीर अंत में पंचतत्व में ही मिल जाता है, तो उसे जलाने के बजाय समाज के हित में दान करना ही सच्चा धर्म है।

21 आधुनिक महर्षि दधीचि का हुआ सम्मान

इंजीनियर सुभाष मेहरा (77 वर्ष), जनकपुरी, बरेली
डा. उषा रानी मेहरा (74 वर्ष), जनकपुरी, बरेली
श्याम सुंदर अरोरा (68 वर्ष), राजेंद्रनगर, बरेली
भूदेव झा (65 वर्ष), संजय नगर, बरेली
धर्मवीर आर्य (62 वर्ष), खानद्रामनगर (देवरनिया), बरेली
यतीश मोहन गुप्ता (63 वर्ष), बागेटोला, बदायूं
डा. बी.बी.एल. माथुर (76 वर्ष), राजेंद्रनगर, बरेली
रमेश शर्मा महाभारती (76 वर्ष), पीपल सना चौधरी, बरेली
डा. नूपुर गोयल (42 वर्ष), रामपुर गार्डन, बरेली
राजेंद्र प्रकाश अग्रवाल (68 वर्ष), माडल टाउन, बरेली
वेद प्रकाश पोरवाल (68 वर्ष), आशुतोष सिटी, बरेली
संकुख किरपलानी (62 वर्ष), माडल टाउन, बरेली
प्रसादी लाल (75 वर्ष), बेकमपुर (नवाबगंज), बरेली
उषा रानी सक्सेना (69 वर्ष), बदायूं रोड, बरेली
प्रांजल सक्सेना (36 वर्ष), बदायूं रोड, बरेली
चंद्र प्रकाश कश्यप (60 वर्ष), इंद्रापुरम कॉलोनी, बरेली
देवेंद्र कुमार साहनी (61 वर्ष), ग्रेटर आकाश कॉलोनी, बरेली
डा. लता मिश्रा (72 वर्ष), पटियाली सराय, बदायूं
डा. नीरज चंद्र जोशी (41 वर्ष), न्यू शारा, पिथौरागढ़
जय प्रकाश देवलाल (57 वर्ष), ग्राम निरादा, अछोली, पिथौरागढ़
जनार्दन पुनेठा (57 वर्ष), कुजौली, पिथौरागढ़

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