ग्राम विकास अधिकारी परीक्षा में अपनी जगह दूसरे को बिठाकर सरकारी नौकरी पाने का सपना देखने वाले असली आरोपी विपिन कुमार की अब किस्मत साथ नहीं दे सकी। करीब ढाई साल तक पुलिस को चकमा देने के बाद बारादरी पुलिस ने सोमवार को उसे दबोच लिया। आरोपी को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया।
बरेली। ग्राम विकास अधिकारी परीक्षा में अपनी जगह दूसरे को बिठाकर सरकारी नौकरी पाने का सपना देखने वाले असली आरोपी विपिन कुमार की अब किस्मत साथ नहीं दे सकी। करीब ढाई साल तक पुलिस को चकमा देने के बाद बारादरी पुलिस ने सोमवार को उसे दबोच लिया। आरोपी को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया।
26 जून 2023 को जय नारायण इंटर कॉलेज में ग्राम विकास अधिकारी की परीक्षा चल रही थी। उसी दौरान परीक्षा कक्ष में एक युवक की गतिविधियाँ संदिग्ध दिखीं। पहचान करने पर पता चला कि वह बिहार के रतन कुमार हैं और असली अभ्यर्थी विपिन कुमार कहीं और हैं। रतन को मौके से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था लेकिन इस पूरे खेल का असली मास्टरमाइंड विपिन फरार हो गया।
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि पढ़ाई में कमजोर होने के कारण उसने बिहार के रतन से संपर्क किया था। दोनों की डील व्हाट्सएप पर हुई और रतन ने एक लाख रुपये लेकर उसके नाम से परीक्षा दी। लेकिन जैसे ही मामला पकड़ा गया, रतन जेल गया और विपिन फरार होकर जगह-जगह छिपता रहा। पुलिस जांच में पता चला कि दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा कर रतन कुमार को परीक्षा में बैठाया गया था। इसी आधार पर पुलिस ने केस में फर्जी दस्तावेजों की धारा 467, 468, 471 और 120बी के साथ परीक्षा में नकल कराने के कानून की धाराएँ भी जोड़ दीं।
बारादरी पुलिस की टीम ने लंबे समय तक आरोपी को ढूंढने की कोशिश की। कई बार दबिश भी दी लेकिन सफलता नहीं मिली। आखिर चौकी प्रभारी मनीष भारद्वाज को आरोपी की लोकेशन का सुराग मिला और इसी आधार पर उसे पकड़ लिया गया। आरोपी विपिन कुमार पुत्र प्रवीन सिंह मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा थाना क्षेत्र के फतैहउल्ला गंज का रहने वाला है। आरोपी को गिरफ्तार करने वाली टीम में बारादरी इंस्पेक्टर धनंजय पांडेय, चौकी प्रभारी मनीष भारद्वाज और हेड कांस्टेबल साबिर अली शामिल रहे।