प्रदेश अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय परिषद सदस्यों की आधिकारिक घोषणा के अवसर पर पंकज चौधरी ने प्रदेश भर से पहुंचे देवतुल्य कार्यकर्ताओं के स्नेह को अपनी सबसे बड़ी पूंजी बताया। उन्होंने कहा कि गोमती तट पर बसी राजधानी लखनऊ, जिसे भारत की राजनीति का केंद्र बिंदु माना जाता है, वहां प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व संभालना उनके लिए गौरव, रोमांच और बड़ी जिम्मेदारी है।
बरेली/लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के नव निर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी ने स्पष्ट और दृढ़ शब्दों में कहा कि संगठन मेरे लिए सर्वोपरि है और संगठन का हर आदेश मेरे लिए सर्वमान्य होगा। राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय, आशियाना में आयोजित भाजपा के भव्य संगठन पर्व समारोह में उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह संदेश दिया कि भाजपा में पद नहीं, समर्पण और संघर्ष का महत्व है।
प्रदेश अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय परिषद सदस्यों की आधिकारिक घोषणा के अवसर पर पंकज चौधरी ने प्रदेश भर से पहुंचे देवतुल्य कार्यकर्ताओं के स्नेह को अपनी सबसे बड़ी पूंजी बताया। उन्होंने कहा कि गोमती तट पर बसी राजधानी लखनऊ, जिसे भारत की राजनीति का केंद्र बिंदु माना जाता है, वहां प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व संभालना उनके लिए गौरव, रोमांच और बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं के इस महासंगम में वे किसी नेता के रूप में नहीं, बल्कि एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में जुड़े हैं। केंद्रीय नेतृत्व द्वारा सौंपी गई जिम्मेदारी को उन्होंने संगठन की ताकत का प्रमाण बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और संघ परिवार के प्रति आभार जताया।
पंकज चौधरी ने दो टूक कहा कि भाजपा में न परिवारवाद चलता है और न जातिवाद। यहां न कोई खानदान टिकट तय करता है, न कोई जाति पद तय करती है। पार्टी में केवल कर्मठता और समर्पण के आधार पर जिम्मेदारी मिलती है। यही कारण है कि भाजपा आज दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक पार्टी है। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन को याद करते हुए कहा कि राजनीति में उनका प्रवेश किसी योजना का हिस्सा नहीं था, बल्कि अन्याय के खिलाफ संघर्ष की उपज था। डिप्टी मेयर चुनाव में लगाए गए अनुचित कानूनी अवरोधों के विरुद्ध सिविल कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी और सात महीने में न्याय प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि यह देश का पहला मामला था, जिसमें निर्वाचित जनप्रतिनिधि पर स्टे लगा और इतनी जल्दी फैसला आया। उन्होंने बताया कि वर्ष 1991 में 26 वर्ष की आयु में भाजपा ने उन्हें महाराजगंज से लोकसभा चुनाव लड़ाने का आदेश दिया। 1991 से 2024 तक उन्होंने न पार्टी छोड़ी और न संसदीय क्षेत्र। एक ही पार्टी और एक ही क्षेत्र से सात बार उम्मीदवार बनने का अवसर कार्यकर्ताओं और जनता के विश्वास का प्रमाण है।
पंकज चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वास से उन्हें केंद्र सरकार में वित्त राज्य मंत्री की जिम्मेदारी मिली, जिसे वे पूरी निष्ठा से निभा रहे हैं। लेकिन प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व अब तक की सबसे गंभीर और चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि 1980 से अब तक जिन 15 प्रदेश अध्यक्षों ने संगठन का नेतृत्व किया, उनका अनुभव भाजपा की अमूल्य धरोहर है और उनसे सीखने का अवसर उन्हें मिलेगा।
उन्होंने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल के चार स्तंभ होते हैं, कार्यकर्ता, कार्यालय, कार्यक्रम और कोष। कार्यालय तीर्थ है, कार्यक्रम विचारों का माध्यम हैं और कोष आवश्यक साधन। लेकिन इन सबसे ऊपर कार्यकर्ता है। यदि कार्यकर्ता न हों तो बाकी सब निरर्थक है। मंच से उन्होंने कार्यकर्ताओं को भरोसा दिलाया कि आप मेरे लिए सर्वोपरि हैं, आपके सम्मान और अधिकार के लिए मैं हर स्तर पर संघर्ष करूंगा। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि नेतृत्व का अर्थ आदेश देना नहीं, बल्कि संवाद करना और समाधान निकालना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे शासक नहीं, समन्वयक की भूमिका निभाएंगे। संगठन को परिवार मानकर सबको साथ लेकर चलना ही उनका उद्देश्य है।
पंकज चौधरी ने कहा कि उनके नेतृत्व का मूलमंत्र संगठन, संपर्क, संवाद और समन्वय होगा। कार्यकर्ताओं की समस्याएं सरकार तक पहुंचाना और सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं जनता तक ले जाना उनकी प्राथमिकता रहेगी। उन्होंने कहा कि पद भूतपूर्व हो सकता है, लेकिन कार्यकर्ता कभी भूतपूर्व नहीं होता। कार्यक्रम में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश के विकास कार्यों को रेखांकित किया। शंख और डमरू वादन के बीच नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष का भव्य स्वागत किया गया। भूपेंद्र चौधरी ने पंकज चौधरी को पार्टी की ध्वजा सौंपकर संगठन की कमान सौंपी।