शहर में चल रहे सीएम ग्रिड (मुख्यमंत्री ग्रीन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम) के तहत हो रहे निर्माण कार्यों पर अब निगरानी तेज कर दी गई है। शुक्रवार को आईआईटी कानपुर की एक्सपर्ट टीम ने बरेली पहुंचकर सड़कों और निर्माणाधीन जगहों की बारीकी से जांच की। टीम ने रिपोर्ट तैयार की और शनिवार को लौट गई। इसके बाद नगर निगम ने भी रफ्तार पकड़ ली है।
बरेली। शहर में चल रहे सीएम ग्रिड (मुख्यमंत्री ग्रीन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम) के तहत हो रहे निर्माण कार्यों पर अब निगरानी तेज कर दी गई है। शुक्रवार को आईआईटी कानपुर की एक्सपर्ट टीम ने बरेली पहुंचकर सड़कों और निर्माणाधीन जगहों की बारीकी से जांच की। टीम ने रिपोर्ट तैयार की और शनिवार को लौट गई। इसके बाद नगर निगम ने भी रफ्तार पकड़ ली है।
शनिवार को नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य के निर्देश पर इंजीनियरों की टीमें फील्ड में उतर गईं। अवर अभियंता वीर प्रताप पटेल और विकास साहू ने शहर के कई हिस्सों में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता जांची। जहां लापरवाही मिली, वहां सुधार के निर्देश भी दिए गए। मुख्य अभियंता मनीष अवस्थी की निगरानी में टीम ने सड़कों की खुदाई, गड्ढों की बैरिकेडिंग और निर्माण सामग्री की गुणवत्ता पर फोकस किया। सड़क किनारे हो रही खुदाई के पास सुरक्षा इंतजाम नदारद दिखे तो अफसरों ने मौके पर ही कार्रवाई के निर्देश दिए।
नगर आयुक्त मौर्य ने दो टूक कहा कि काम में ढिलाई या घटिया सामग्री मिली तो ठेकेदारों पर सीधी कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा पहले चरण के निर्माण में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। टीम हर दिन रिपोर्ट दे रही है, जिससे काम की रफ्तार और क्वालिटी पर सीधा कंट्रोल रखा जा सके। सीएम ग्रिड योजना के तहत शहर की सड़कों और अधोसंरचना को बेहतर बनाने का काम चल रहा है। अब सवाल यह है कि क्या इस सख्ती से काम में सुधार आएगा या फिर सबक देने के लिए कुछ और कदम उठाने पड़ेंगे।