
ठग कन्हैया गुलाटी
बरेली। ठगी, झूठे प्लान और अमीर बनाने के सपनों का जाल… बरेली में नटवरलाल कन्हैया गुलाटी की कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं। बीते महज डेढ़ महीनों में कन्हैया गुलाटी पर 13 नई एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं, जबकि 4 मुकदमे पहले से अदालत में चल रहे हैं। यानी अब तक ठगी के कुल 17 मुकदमों में उसका नाम दर्ज हो चुका है। मामला तूल पकड़ता देख एसएसपी अनुराग आर्य के निर्देश पर एसपी ट्रैफिक मो. अकमल खान ने जांच को तेज रफ्तार दे दी है।
कन्हैया गुलाटी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। आए दिन उसके खिलाफ ठगी के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं। ताजा मामला कंपनी के फर्जी प्लान के नाम पर लाखों की ठगी का है। एसएसपी के आदेश पर इज्जतनगर थाने में कन्हैया गुलाटी समेत पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
इज्जतनगर थाना क्षेत्र के गुरुनानक कॉलोनी निवासी ललित मोहन ने आरोप लगाया कि कैनविज ग्रुप ऑफ कंपनीज ने सुनियोजित तरीके से झूठे प्लान दिखाकर ठगी की। पीड़ित के मुताबिक कन्हैया गुलाटी और जगतपाल मौर्य ने केएम एसोसिएट्स के नाम से मोटे मुनाफे का लालच दिया। 23 दिसंबर 2024 को ललित मोहन ने 4 लाख 25 हजार रुपये कंपनी में लगाए। इतना ही नहीं, उनके भाई अमित यादव ने भी 2 लाख रुपये निवेश कर दिए। भरोसा दिलाया गया कि स्कीम में जबरदस्त फायदा मिलेगा और मूलधन कभी भी वापस लिया जा सकता है।
15 मई को रकम लौटाने का वादा किया गया, लेकिन पैसा नहीं मिला। फिर 60 दिन का बहाना बनाया गया। आखिरकार 7 नवंबर 2025 को दो चेक थमाए गए। जब पीड़ित बैंक पहुंचा तो कंपनी के खाते में महज 3500 रुपये निकले! पैसे मांगने पर गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी दी गई। पीड़ित का आरोप है कि पहले पुलिस ने शिकायत पर सुनवाई नहीं की, लेकिन अब एसएसपी के हस्तक्षेप के बाद इज्जतनगर पुलिस ने कन्हैया गुलाटी, जगतपाल मौर्य, विशाल मौर्य, राहुल मौर्य और पुष्पेन्द्र चंद्रा उर्फ सोनू चंद्रा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
ठगी की कहानी यहीं खत्म नहीं होती। कैनविज ग्रुप ऑफ कंपनीज ने अमीर बनने का सपना दिखाकर शाहजहांपुर के युवक से भी लाखों की ठगी कर डाली। शाहजहांपुर जिले के बंडा थाना क्षेत्र के गांव भौरखेड़ा निवासी अंकित कुमार ने बताया कि कैनविज ग्रुप के लाइन ऑफ कैनविज योगेन्द्र कुमार गंगवार, फाउंडर मेंबर प्रमोद सिंह परिहार और जितेंद्र पटेल ने उसे बड़े मुनाफे का लालच दिया। आरोप है कि कंपनी के पदाधिकारी कस्बों में मीटिंग कर कहते थे एक लाख लगाओ, हर महीने 5 प्रतिशत और 2 प्रतिशत मुनाफा मिलेगा, 20 महीने तक पैसा खाते में आएगा और 22वें महीने पूरा मूलधन वापस। शुरुआत में 7–8 महीने तक पैसे दिए गए, फिर अचानक भुगतान बंद कर दिया गया। आखिरकार पीड़ित ने थाने का दरवाजा खटखटाया। पीड़ित की तहरीर पर बारादरी थाने में कैनविज ग्रुप ऑफ कंपनीज के सीएमडी कन्हैया लाल गुलाटी, योगेन्द्र कुमार, प्रमोद सिंह परिहार और जितेंद्र पटेल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है।
लगातार दर्ज हो रहे मामलों से साफ है कि कैनविज ग्रुप ऑफ कंपनीज के नाम पर एक बड़ा ठगी नेटवर्क चलाया जा रहा था। पुलिस अब पूरे नेटवर्क को खंगालने में जुट गई है। लगातार बढ़ते मुकदमे, एक के बाद एक खुलते राज और ठगी के आरोपों ने कैनविज ग्रुप ऑफ कंपनीज को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है। अब देखने वाली बात यह होगी कि पुलिस की तेज जांच में ठगी का यह जाल कब और कैसे टूटता है—और पीड़ितों को उनका पैसा कब तक वापस मिल पाता है।
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Published on:
21 Dec 2025 09:27 pm
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