बरेली

बरेली में आवारा कुत्तों का आतंक, पांच साल की बच्ची हुई शिकार, आखिर कब मिलेगा छुटकारा

भोजीपुरा क्षेत्र के गांव फत्तेपुर में शुक्रवार सुबह दर्दनाक घटना सामने आई। घर के बाहर खेल रही पांच वर्षीय मासूम बच्ची पर अचानक झुंड में घूम रहे आवारा कुत्तों ने हमला कर दिया।

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Aug 23, 2025
पांच साल की बच्ची पर कुत्तों ने किया हमला

बरेली। भोजीपुरा क्षेत्र के गांव फत्तेपुर में शुक्रवार सुबह दर्दनाक घटना सामने आई। घर के बाहर खेल रही पांच वर्षीय मासूम बच्ची पर अचानक झुंड में घूम रहे आवारा कुत्तों ने हमला कर दिया। कुत्तों के हमले से बच्ची के चेहरे पर गहरे जख्म हो गए। परिजनों ने शोर मचाकर और स्थानीय लोगों की मदद से कुत्तों को किसी तरह खदेड़ा और घायल बच्ची को तत्काल जिला अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने उसे भर्ती कर इलाज शुरू किया और एंटी रैबीज वैक्सीन (ARV) लगाई।


शहर में लगातार बढ़ रहा खतरा

बरेली शहर और ग्रामीण इलाकों में आक्रामक आवारा कुत्तों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा। जिला अस्पताल में हर दिन दर्जनों लोग कुत्तों के काटने के बाद एआरवी लगवाने पहुंच रहे हैं। नगर निगम के इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं और हालात बेकाबू होते जा रहे हैं।


कुत्तों की गिनती तक अधूरी

नगर निगम अब तक शहर के आवारा कुत्तों की सही गिनती तक नहीं करा सका है। नसबंदी अभियान की स्थिति भी साफ नहीं है। निगम के पास केवल 50 कुत्तों को अस्थायी रूप से पकड़कर रखने की क्षमता है, जबकि जरूरत सैकड़ों गुना ज्यादा है।


1.81 करोड़ की लागत से बना सेंटर, लेकिन बंद पड़ा

परसाखेड़ा में 1.81 करोड़ रुपये की लागत से एनिमल बर्थ कंट्रोल (ABC) सेंटर बनाया गया था। 150 कुत्तों की क्षमता वाले इस सेंटर का उद्घाटन हुए चार महीने से ज्यादा समय गुजर चुका है, लेकिन अब तक एक भी कुत्ता यहां नहीं लाया गया। वजह यह है कि सेंटर के संचालन के लिए न तो किसी एनजीओ और न ही किसी प्राइवेट फर्म का चयन हो पाया है।


निगम का दावा, जल्द होगा संचालन

उप नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नैन सिंह ने कहा कि एबीसी सेंटर के संचालन के लिए संस्था का चयन प्रक्रिया में है। शासन के निर्देशों के अनुरूप आक्रामक और हिंसक कुत्तों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। उनका दावा है कि सेंटर शुरू होते ही एक साथ 200 कुत्तों को पकड़कर रखने की क्षमता विकसित हो जाएगी।


👉 बरेली में मासूम बच्ची पर हमला नगर निगम की लापरवाही का ताजा उदाहरण है। अगर समय रहते एबीसी सेंटर का संचालन शुरू नहीं हुआ तो हालात और भी भयावह हो सकते हैं।

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