सुगंधित पौधों की खेती अब आदिवासी इलाकों में भी खुशबू बिखेरेगी। इससे वंचित समाज के लोगों को मुख्यधारा में जोड़ा जाएगा।
बरेली। सुगंधित पौधों की खेती अब आदिवासी इलाकों में भी खुशबू बिखेरेगी। इससे वंचित समाज के लोगों को मुख्यधारा में जोड़ा जाएगा। उनकी आय में बढ़ोत्तरी होगी। बरेली की कंपनी एरोमैटिक एंड एलाइड केमिकल्स (पी) लिमिटेड ने सीएसआईआर (वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थान परिषद) और लखनऊ में सुगंधित पौधों के संस्थान सीमैप के साथ अरोमा मिशन के तहत एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। कंपनी के एमडी गौरव मित्तल का ये ड्रीम प्रोजेक्ट है।
राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी दिवस पर हुआ फिर करार, आठ वर्षों से काम कर रही कंपनी
गौरव मित्तल ने बताया कि राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के मौके पर बरेली की हमारी कंपनी एरोमैटिक एंड अलाइड केमिकल्स (पी) लिमिटेड, बरेली ने सीएसआईआर -सीमैप के साथ लखनऊ में तीसरी बार फिर से इस एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। पिछले आठ वर्षों और उससे अधिक समय से इस मिशन के तहत कंपनी काम कर रही है। जिससे की सुगंधित पौधों की खेती को और बढ़ाया जा सके। तीसरे चरण के तहत हम भारत के आदिवासी क्षेत्रों पर काम करेंगे और उनका विकास करेंगे तथा उस क्षेत्र के किसानों की आय बढ़ाएंगे।
किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है कंपनी
इन इलाकों में लोगों के पास पीने के लिए ठीक से पानी तक नहीं है और वे कई चीजों से वंचित हैं। हमारी कंपनी एरोमैटिक एंड अलाइड का मिशन इन सभी क्षेत्रों का विकास करना और सुगंधित फसलों का विकास करके लोगों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना है और उन्हें इन फसलों से मूल्यवर्धित उत्पाद बनाने के लिए मशीनें प्रदान करना है। उन्हें आय और धन पैदा करने का एक तरीका प्रदान करेगी। हम अपने देश और हमारे देश की रीढ़ "किसानों" के कल्याण के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।