बरेली में बवाल के पीछे छिपी सच्चाई अब सामने आने लगी है। जेल गए आईएमसी नेता डॉ. नफीस ने पुलिस पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है। उसने साफ कहा कि माहौल बिगाड़ने के पीछे आईएमसी के युवा नेता अल्तमश रज़ा की अहम भूमिका थी। यही नहीं, फरहत, मुनीर और नदीम ने भी मौलाना को लगातार उकसाया और बवाल की साजिश को हवा दी।
बरेली। बरेली में बवाल के पीछे छिपी सच्चाई अब सामने आने लगी है। जेल गए आईएमसी नेता डॉ. नफीस ने पुलिस पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है। उसने साफ कहा कि माहौल बिगाड़ने के पीछे आईएमसी के युवा नेता अल्तमश रज़ा की अहम भूमिका थी। यही नहीं, फरहत, मुनीर और नदीम ने भी मौलाना को लगातार उकसाया और बवाल की साजिश को हवा दी।
एसएसपी अनुराग आर्य और एसपी सिटी की मौजूदगी में नफीस ने माना कि उसकी पूरी उम्र की कमाई हुई इज्जत बुढ़ापे में मिट्टी में मिल गई। जेल से निकलते ही वह पार्टी से इस्तीफा दे देगा। पूछताछ के दौरान नफीस ने बताया कि मौलाना को रोकने की कोशिश की थी लेकिन यूथ अध्यक्ष अल्तमश और उसके साथी पीछे हटने की बजाय माहौल गरमाने पर अड़े रहे।
भीड़ जुटाने और सड़कों पर कूच करने का आह्वान अल्तमश ने ही किया था। यहां तक कि जब नफीस और नदीम ने भीड़ रोकने का पत्र जारी किया तो अल्तमश ने उसे फर्जी बता कर नई पोस्ट डाल दी।
अल्तमश ने आईएमसी यूथ अध्यक्ष के नाम से सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली। उसमें लिखा गया कि पत्र फर्जी है और अवाम को गुमराह किया जा रहा है। उसने खुला ऐलान किया— “कल वाला प्रोग्राम पहले की तरह होगा। जुम्मा की नमाज के बाद सभी भाई इस्लामिया कॉलेज मैदान की ओर कूच करें। लब्बैक या रसूल अल्लाह… मौलाना तौकीर साहब जिंदाबाद।” यह पोस्ट हीड़ जुटाने का सीधा उकसावा थी, जिसने बरेली की सड़कों पर दहशत फैलाई।
नफीस और उसके बेटे फरमान जेल की हवा खा रहे हैं, लेकिन अल्तमश अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर है। पुलिस ने उसे वांटेड घोषित कर दबिशें तेज कर दी हैं। प्रेमनगर निवासी अल्तमश के घर पर भी छापेमारी हुई, लेकिन वह फरार बताया जा रहा है।