Barmer News : राजस्थान के बाड़मेर जिला अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीरता दिखाते हुए शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने चिकित्सा मंत्री को पत्र लिखा। जिसमें सरकारी अस्पतालों की बिगड़ती व्यवस्थाओं की पोल खोली है। साथ ही चिकित्सा मंत्री को लिखे पत्र में की बड़ी मांग।
Barmer News : बाड़मेर जिला अस्पताल में सोनोग्राफी जांच मरीजों के लिए परेशानी का कारण बन गई है। ओपीडी में उपचार के लिए आने वाले मरीजों को चिकित्सक जांच के बाद सोनोग्राफी के लिए लिखते हैं, लेकिन अस्पताल में जांच के लिए डेढ़ माह तक इंतजार करना पड़ रहा है। इससे मरीजों को समय पर उपचार नहीं मिल पा रहा है। शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने गंभीरता दिखाते हुए चिकित्सा मंत्री को पत्र लिखा। जिसमें सरकारी अस्पतालों की बिगड़ती व्यवस्थाओं की पोल खोली है। साथ ही जिला अस्पताल बाड़मेर में एक नई सोनोग्राफी मशीन उपलब्ध कराने की अनुशंसा की है।
बाड़मेर जिला अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 3 हजार से ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं। इनमें गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या भी अधिक है। जांच के बाद लगभग 10 प्रतिशत मरीजों को सोनोग्राफी के लिए भेजा जाता है, यानी प्रतिदिन करीब 350 मरीजों को। लेकिन रेडियोलॉजिस्ट की कमी के कारण अस्पताल में केवल 80-90 सोनोग्राफी ही हो पा रही हैं। बाकी मरीजों को वेटिंग में डाल दिया जाता है और उनका नंबर एक से डेढ़ माह बाद आता है।
पत्रिका की पड़ताल में सामने आया कि अस्पताल में चार सोनोग्राफी मशीनें हैं, लेकिन उन्हें संचालित करने के लिए पर्याप्त डॉक्टर नहीं हैं। सोनोग्राफी सेंटर नए भवन में संचालित हो रहा है, जहां प्रतिदिन 80 से 90 मरीजों की जांच होती है। सेंटर पर दो रेडियोलॉजिस्ट तैनात हैं, जो ड्यूटी समय से अधिक समय तक काम कर रहे हैं। एक अन्य रेडियोलॉजिस्ट केवल गायनिक जांच कर पा रहे हैं। इससे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सेंटर पर हर दिन 90 मरीजों का पंजीयन किया जाता है। इसमें 30 से 35 मरीज वेटिंग वाले होते हैं, ऐसे में रोजाना नए आने वाले करीब 50 मरीजों की ही जांच हो पा रही है। कर्मचारी बताते हैं कि वे कोशिश करते हैं कि अधिक से अधिक मरीजों की जांच हो, कई बार ड्यूटी खत्म होने के बाद भी जांच की जाती है।
मेडिकल कॉलेज में एक आचार्य, एक सह आचार्य, एक सहायक आचार्य व दो वरिष्ठ रेजिडेंट के पद स्वीकृत हैं, जिसमें महज एक ही पदस्थापित है। जबकि अस्पताल में एक वरिष्ठ विशेषज्ञ व दो कनिष्ठ विशेषज्ञों के पद स्वीकृत हैं। जबकि यहां दो ही कार्यरत हैं , ऐसे में कुल 8 में से 5 पद रिक्त हैं।
अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट की कमी है, इसलिए परेशानी हो रही है। हमारे पास तीन डॉक्टर हैं, इसमें एक तो गायनिक की कर पाते हैं। अस्पताल की ओपीडी तीन हजार पार है। हर दिन 300 से 350 मरीज सोनोग्राफी जांच के पहुंच रहे हैं। हमारा प्रयास रहता है कि गंभीर मरीज को परेशानी नहीं हो।
डॉ. बीएल मंसूरिया, अधीक्षक, जिला अस्पताल
एक दिन पहले पथरी से पीड़ित एक मरीज अस्पताल पहुंचा। डॉक्टर ने सोनोग्राफी जांच लिखी, लेकिन सेंटर पर डेढ़ माह की वेटिंग दे दी गई। जब मरीज डॉक्टर के पास वापस पहुंचा और वेटिंग को लेकर बात की, तो डॉक्टर ने मजाक में कहा ‘वोट जिसे दिए हैं, उससे कहिए मशीन लगवा दे।’इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
इधर, शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने चिकित्सा मंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में बताया कि अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन, सीटी स्केन एवं एमआरआई मशीन खराब होने से मरीज परेशानी झेल रहे है। साथ ही मरीजों के साथ चिकित्सक गैर जिम्मेदाराना बयान दिए जा रहे हैं। साथ ही उन्होंने जिला अस्पताल में विधायक कोष से सोनोग्राफी मशीन लगाने की अनुशंषा की।