गिड़ा क्षेत्र के बेरी नाड़ी गांव में पागल श्वान के काटने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। पत्नी की डिलीवरी के लिए अस्पताल आए कुंभाराम को श्वान ने चेहरे पर काटा था, पर इंजेक्शन नहीं लगवाया। ढाई महीने बाद रेबीज के लक्षण दिखने पर इलाज के दौरान मौत हो गई।
बालोतरा: गिड़ा क्षेत्र के सवाऊ पदम सिंह के बेरी नाड़ी गांव में एक दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को झकझोर दिया। गांव के मेहनतकश व्यक्ति कुंभाराम बरवड़ की पागल श्वान के काटने से मौत हो गई। यह हादसा उस समय हुआ, जब कुंभाराम अपनी पत्नी की डिलीवरी के लिए गिड़ा अस्पताल पहुंचे थे।
जानकारी के अनुसार, कुंभाराम अपनी पत्नी के साथ गिड़ा अस्पताल में था। रात के समय जब वह वार्ड के बाहर सो रहे था, तभी अचानक एक पागल श्वान ने चेहरे पर काट लिया। दुर्भाग्यवश कुंभाराम ने इस घटना को गंभीरता से नहीं लिया और किसी को बताए बिना वापस अपने काम पर लौट गया। इसे सामान्य समझते हुए इंजेक्शन भी नहीं लगवाया।
करीब ढाई महीने बाद दिवाली के अवसर पर जब कुंभाराम घर लौटा तो उसकी हरकतें असामान्य लगने लगी। परिजनों ने तुरंत अस्पताल ले जाकर इलाज करवाया, जहां से पहले उन्हें बालोतरा और बाद में जोधपुर के अस्पताल में रेफर किया गया।
जोधपुर में डॉक्टरों ने बताया कि उसमें रेबीज (पागल श्वान के काटने से होने वाली बीमारी) के गंभीर लक्षण हैं। डॉक्टरों ने जब उनके हाथ में पानी की बोतल दी तो वे डरकर भागने लगे, जो इस बीमारी का प्रमुख संकेत है।
ऐसे में स्थिति गंभीर होने पर डॉक्टरों ने इलाज से असमर्थता जताते हुए उन्हें घर ले जाने की सलाह दी। घर लौटने के कुछ ही घंटे बाद कुंभाराम ने दम तोड़ दिया।