Barmer News: जोधपुर के धुंधाड़ा में नदी के लिए पूरा लंबा क्षेत्र है। बालोतरा के भलरों का बाड़ा व भानावास के पास नदी संकड़ी है। समदड़ी कस्बे के लूनी नदी की पूरी रपट पर पानी का बहाव है।
रामलाल चौधरी
Barmer News: रेगिस्तान की एकमात्र लूनी नदी कल-कल कर बह रही है। धोरों में पानी का नाद यों मानिए कानों मेें मिश्री घोल रहा है। रेत के ऊंचे-ऊंचे टीलों के बीच से पानी की अविरल धारा आगे बढ़ रही है। रासायनिक पानी का जहां असर है वहां गंदा लगता है, लेकिन जहां यह प्रदूषण नहीं है वहां बहता पानी दूध जैसा।
अफसोस है कि 37 दिनों के इस बहाव में लाखों-करोड़ों लीटर बेहिसाब जलराशि बहते-बहते गांधव के बाद सहस्त्र धाराओं में बंटकर फालूत हो रही है। इस पानी को रोकने, काम में लेने और उपयोगी बनाने की कोई योजना नजर नहीं आती। जमीन के भीतर उतरे इस पानी से आस-पास भूमि रिचार्ज जरूर हुई है।
जोधपुर के धुंधाड़ा में नदी के लिए पूरा लंबा क्षेत्र है। बालोतरा के भलरों का बाड़ा व भानावास के पास नदी संकड़ी है। समदड़ी कस्बे के लूनी नदी की पूरी रपट पर पानी का बहाव है। आगे बालोतरा तक पूरी चौड़ाई मिलने से नदी का बहाव अभी बालोतरा में रपट के नीचे चल रहा है। तिलवाड़ा तक यही स्थिति है। तिलवाड़ा से आगे सिणधरी तक नदी फिर संकरी हो जाती है।
सिणधरी में फिर चौड़ाई मिल रही है। सिणधरी के आगे के गांवों में कहीं संकरी और कहीं चौड़ी है। फिर, गांधव के बाद धाराओं में विभिक्त हो जाती है। लूनी का मार्ग के गांव बाड़मेर में रामपुरा, महेशनगर, देवलियारी, पातों का बाड़ा, कीटनोद, भिंडाकुआं, बामसीन, अजीत, चारणों का बाड़ा, भलरों का बाड़ा, भानावास, राणीदेशीपुरा, समदड़ी, सिलौर, जेठंतरी, पारलू, कनाना, सराणा, बिठूजा, बालोतरा, जसोल, मण्डपुरा, तिलवाड़ा, गोलसोढा, मेकरना, सिणधरी, दग्वा, प्याल कलान, मोतीसरा, कादानाडी, सड़ा, भटाला, लोलावा, खुुडाला, जालीखेड़ा, धांधलावास, गांधव कला, गादेवी, बांता, सिंधासवा चौहान, रतनपुरा, देदावास।
गांधव में लूनी नदी में डूबने से दो सगे भाइयों की मौत और इससे पहले की घटनाओं ने अब लोगों को सावधानी बरतने की चेतावनी दी है। आजकल नदी के भीतर जाकर सेल्फी ग्रुपी लेने की हौड़ ज्यादा है। नदी के किनारे, डूब, रेत के बहाव और पानी का धार का ज्ञान न होने पर भी अनजान, लापरवाही और दुस्साहस में पानी में उतरना गलत है। सेल्फी से ज्यादा जिंदगी है,इसको समझते हुुए नदी के बहाव से दूर रहने की जरूरत है।
नदी का बहाव लगातार हैै और लोग लापरवाह हो जाते है। ऐसे में पुलिस के लिए भी जरूरी है कि यहां पर लगातार मुनादी शहर और कस्बों में करवाई जाए ताकि लोग पानी से दूर रहे और उनमें एक जागरूकता भी रहे।