बाड़मेर के सरहदी इलाकों के बाशिंदों में पाकिस्तानी हमलों को लेकर तनाव जरूर है लेकिन उन्हे सुरक्षा को लेकर सेना पर पूरा भरोसा है, लोगों में अब पाकिस्तान को सबक सिखाने का उत्साह उबाल मार रहा है।
राजस्थान में अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे जिलों में तनाव लगातार बढ़ रहा है। बीती रात पाकिस्तान की ओर से हुए हमले से सरहदी गांवों के बाशिंदो का उत्साह भी उबाल मार रहा है। राज्य के बाड़मेर जिले में पुराने युद्धों के विपरीत अब लोगों के पास अपडेट होने के लिए टीवी और सोशल मीडिया से आ रही सूचनाएं हैं। हर तरफ पाकिस्तान को सबक सिखाने की ही चर्चा है। लोग पाकिस्तान के हमलों से चिंतित हैं, लेकिन सुरक्षा को लेकर आश्वस्त भी हैं।
बाड़मेर में सरहद से महज कुछ किलोमीटर की दूरी पर बसे त्रिमोही गांव सहित गडरारोड तामलोर, मुनाबाव, अकली व रोहिड़ी, पांचला, सुंदरा गांवों में बच्चों से लेकर बुजुर्ग और महिलाओं तक में भारत-पाक तनाव की चर्चा सुनी जा सकती है। लोग दिनभर चुनावी परिणाम की तरह सोशल साइट्स, टीवी पर भारत पाक युद्ध के बारे लगातार अपडेट लेते नजर आ रहे हैं। हर तरफ युद्ध की आशंका, आगे की कार्यवाई को लेकर चिंतित भी है तो वहीं पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने की बात करते नजर आए। रोडवेज बस में कई महिलाएं भी मोबाइल पर टीवी की लाइव टेलीकास्ट देखते नजर आई वहीं बस हो ट्रेन हो किसी भी स्थान पर ग्रामीण आपस में आगे की कार्रवाई को लेकर अपने-अपने हिसाब से आकलन करते हुए नजर आते हैं।
स्थानीय कस्बे की बात करें तो यहां बाजार खुला है। लोग जरूरी सामान खरीद कर इकट्ठा भी कर रहे हैं। किसी भी परिस्थिति के लिए प्रशासन द्वारा बार-बार अलर्ट रहने की चेतावनी भी दी जा रही है ग्रामीण क्षेत्र से भी अब लोगों का आवागमन केवल जरूरी सामान के लिए ही हो रहा है। सरहद से महज कुछ किलोमीटर पर बसे अकली गांव निवासी भंवरसिंह अकली बताते हैं कि पड़ोसी को उसी की भाषा में समझाना समझदारी है। सरहदी गांवों के लोग देश की रक्षा के लिए हर सहयोग देने को तैयार है। चाहे खून चाहिए या फिर राशन या दवाइयां। सीमा सुरक्षा बल के साथ बाड़मेर क्षेत्र में भारतीय सेना और वायुसेना भी अलर्ट मोड पर है।