अजासर प्लांट पर पिछले एक महीने से वोल्टेज समस्या बनी हुई है। पूरी क्षमता से बिजली नहीं मिलने से दिन में कई बार ट्रिपिंग हो रही है, जिससे पर्याप्त पानी लिफ्ट नहीं हो पा रहा। नतीजतन, जलापूर्ति बाधित है और हजारों लोग पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं।
बालोतरा: पोकरण-फलसूंड-बालोतरा पेयजल परियोजना के अजासर प्लांट पर विद्युत सप्लाई में बार-बार ट्रिपिंग होने से शहर और आसपास के 70 से अधिक गांवों में पानी की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हो गई है। शहरी क्षेत्र में 5 से 6 दिन और ग्रामीण क्षेत्रों में 10 से 12 दिन के अंतराल पर ही पानी की सप्लाई हो रही है।
इससे लोग सर्दी में भी पानी की किल्लत झेल रहे हैं और महंगा पानी खरीदने को मजबूर हैं। परियोजना के अजासर प्लांट पर पिछले एक महीने से वोल्टेज समस्या बनी हुई है। पूरी क्षमता से बिजली नहीं मिलने के कारण दिन में कई बार ट्रिपिंग होती है, जिससे पर्याप्त मात्रा में पानी लिफ्ट नहीं हो पा रहा।
इस कारण नियमित आपूर्ति बाधित है और हजारों लोग प्रभावित हैं। रबी फसल बुवाई के चलते नहरी क्षेत्रों में बिजली की अधिक खपत हो रही है। इस पर प्लांट को पूरा वोल्टेज नहीं मिल पा रहा।
सामान्य स्थिति में जहां 1600 क्यूबिक मीटर प्रति घंटे की गति से पानी पहुंचता है। वहीं, अब 1300 क्यूबिक मीटर की गति से पानी पहुंच रहा है, जिससे आपूर्ति सुचारू नहीं रह पाती।
परियोजना के तहत बालोतरा और आसपास के गांवों में सुचारू आपूर्ति के लिए 45 एमएलडी पानी की जरूरत रहती है। पहले 38 एमएलडी पानी मिल रहा था, लेकिन अब लगातार ट्रिपिंग से यह घटकर 30 एमएलडी रह गया है। 8 एमएलडी पानी की कमी से बालोतरा, पचपदरा, जसोल और आसपास के 70 से अधिक गांवों में पेयजल आपूर्ति लड़खड़ा गई है।
शहर में पिछले लंबे समय से पानी की आपूर्ति नियमित नहीं हो रही है। अधिक अंतराल से सप्लाई मिलने पर सर्दी में भी लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
-प्रकाश खियानी
ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले एक महीने से 10 दिन के अंतराल पर ही पानी की आपूर्ति हो रही है। लोग महंगा पानी खरीदकर जरूरतें पूरी कर रहे हैं।
-अशोक शेरा
परियोजना के सुचारू संचालन नहीं होने से लोग पहले से ही परेशान हैं। सर्दी में भी पानी को लेकर तरसना पड़ रहा है, गर्मी में स्थिति और गंभीर होने की आशंका है।
-खीम सिंह राजपुरोहित