बेतुल

राशन वितरण में पारदर्शीता के लिए पीओएस मशीनों में एल-1 बायोमेट्रिक स्कैनर अनिवार्य

बैतूल। मध्यप्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को आधार आधारित और पारदर्शी बनाने के लिए जिले की 662 उचित मूल्य दुकानों पर स्थापित पीओएस मशीनों में एल-1 बायोमेट्रिक स्कैनर लगा दिए गए हैं। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण संचालनालय द्वारा सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए गए थे, कि अब राशन वितरण के दौरान लाभार्थियों […]

2 min read

बैतूल। मध्यप्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को आधार आधारित और पारदर्शी बनाने के लिए जिले की 662 उचित मूल्य दुकानों पर स्थापित पीओएस मशीनों में एल-1 बायोमेट्रिक स्कैनर लगा दिए गए हैं। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण संचालनालय द्वारा सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए गए थे, कि अब राशन वितरण के दौरान लाभार्थियों की पहचान एल-0 नहीं, बल्कि एल-1 बायोमेट्रिक सत्यापन के माध्यम से की जानी होगी। इसके पीछे उद्देश्य फर्जी वितरण, डुप्लीकेसी और पहचान संबंधी गड़बडिय़ों पर लगाम कसना बताया गया है।

यूआईडीएआई के निर्देशों का हवाला

संचालनालय द्वारा जारी आदेश में यूआईडीएआई के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा गया है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत पात्र हितग्राहियों को राशन वितरण के लिए उच्च स्तरीय बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण आवश्यक है। इसी के तहत राज्य की सभी उचित मूल्य दुकानों पर पीओएस मशीनों में एल-1 बायोमेट्रिक स्कैनर लगाए जाने का निर्णय लिया गया। बैतूल जिले में शतप्रतिशत राशन दुकानों की पीओएस मशीनों में एल-1 स्कैनर लगाए जाने का दावा विभाग द्वारा किया जा रहा है। बताया गया कि कुछ दिनों पहले ही संचालनालय ने यह माना था कि कई जिलों में स्कैनर लगाने की प्रगति संतोषजनक नहीं है। जिसके बाद कलेक्टरों को सीधे जिम्मेदारी सौंपते हुए निर्देश दिए गए हैं कि 5 दिसंबर तक शेष सभी उचित मूल्य दुकानों में एल-1 बायोमेट्रिक स्कैनर लगाना सुनिश्चित करें।

उद्देश्य, वास्तविक लाभार्थी को मिले राशि

एल-1 बायोमेट्रिक स्कैनर का उद्देश्य यह है कि वास्तविक लाभार्थी को ही राशन मिले और अंगुलियों के कमजोर निशान, बुजुर्गों या श्रमिकों की पहचान में आ रही दिक्कतों को कम किया जा सके, लेकिन उपकरणों की कमी, तकनीकी बाधाएं और जमीनी स्तर पर ढिलाई इस सुधार की राह में रोड़ा बनती नजर आ रही है। बताया गया कि राशन दुकानों को जो पीओएस मशीनें दी गई है वह सालों पुरानी हो चुकी हैं जिनमें समय-समय पर तकनीकी खराबी आती हैं जिसके कारण राशन वितरण प्रभावित होता है। खाद्य आपूर्ति से जुड़े जानकारों का कहना है कि मशीनें काफी पुरानी हो चुकी हैं जिन्हें बदला जाना जरूरी है, क्योंकि मशीनों के आए दिन खराब होने से इसका सीधा असर राशन वितरण पर पड़ेगा।

जिले में 3 लाख से अधिक उपभोक्ता

बैतूल जिले में तीन लाख 9 हजार 290 उपभोक्ता बताए जाते हैं। जिन्हें हर महीने राशन दुकानों से खाद्यान्न का वितरण किया जाता है। इतने उपभोक्ताओं को खाद्यान्न वितरण किए जाने में पारदर्शीता बरते के लिए ही पीओएस मशीनों में एल-1 स्कैनर लगाया जा रहा हैं ताकि पात्र हितग्राहियों को समय पर राशन का वितरण किया जा सके।

Published on:
20 Dec 2025 08:49 pm
Also Read
View All

अगली खबर