भारत

दवा कंपनियों से गलत जानकारी दी तो लगेगा प्रतिबंध

कसा शिकंजा : केंद्र सरकार ने जारी किया मसौदा

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Oct 30, 2025

नई दिल्ली. मध्यप्रदेश और राजस्थान में जहरीली के कफ सिरप से बच्चों की मौत के बाद केंद्र सरकार ने गलत जानकारी देने या फर्जीवाडा करने वाली दवा कंपनियों और सौंदर्य सामग्री की निर्माताओं पर शिकंजा कसाना शुरू कर दिया है। केंद्र सरकार औषधि नियम, 1945 में संशोधन के लिए मसौदा नियम जारी किए हैं। इसके तहत अधिकारियों को गलत या भ्रामक जानकारी देने पर कंपनियों और निर्माताओं पर प्रतिबंध लगाया जा सकेगा। वर्तमान में नियामक की मंज़ूरी प्राप्त करने के लिए दवा निर्माताओं द्वारा दी ऐसी झूठी जानकारी देने पर औषधि नियामक प्राधिकरण के स्तर पर कार्यवाही का कोई प्रावधान नहीं है। वर्तमान नियमों के अनुसार यदि निर्माता पंजीकरण प्रमाणपत्र-लाइसेंस की किसी भी शर्त का पालन करने में विफल रहता है, तो पंजीकरण प्रमाणपत्र या लाइसेंस का निलंबन और रद्दीकरण किया जा सकता है। लेकिन, प्राधिकरण स्तर पर यह कार्रवाई नहीं हो सकती। अब इस प्रस्तावित संशोधन के साथ लाइसेंसिंग प्राधिकरण पंजीकरण प्रमाणपत्रों और लाइसेंसों के निलंबन या रद्दीकरण के साथ-साथ आवेदकों पर प्रतिबंध भी लगा सकेगा। इस पर हितधारकों से 30 दिन में सुझाव मांगे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी अधिसूचना में कहा गया कि कोई भी भ्रामक, नकली या मनगढ़ंत दस्तावेज और जानकारी प्रस्तुत करने का दोषी पाया जाता है, तो उसे बोर्ड प्रतिबंधित कर सकेगा। पीडि़त पक्षों को अपील करने और नोटिस प्राप्त होने के 30 दिन के भीतर उसका जवाब देने का अवसर मिलेगा। आयात-निर्यात या विपणन में जहां 60 दिन का समय मिलता है, वहां 30 दिन की बाध्यता नहीं रहेगी।

इस तरह की देते हैं गलत जानकारियां

दवा और सौंदर्य प्रशासन निर्माता कंपनियां मंजूरी प्राप्त करने के लिए डाटा, प्लांट या मशीनरी संबंधित कई भ्रामक या गलत जानकारियां देती हैं। इन कंपनियों पर जाली फैक्टरी परीक्षण रिपोर्ट, नकली विश्लेषक हस्ताक्षर, लाइसेंस आवेदन में गलत डाटा, प्लांट, मशीनरी, पैकेजिंग, परिवहन, भंडारण के बारे में गलत तथ्य प्रस्तुत करने की शिकायतें मिलती रही हैं। ऐसे में नए नियमों की जरूरत महसूस की जा रही थी।

Published on:
30 Oct 2025 01:17 am
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