CG Fraud News: रेलवे माल गोदाम में स्थायी नौकरी लगवाने का दावा किया। उसने कहा कि वह वहां लीडर है और तीन महीने के भीतर नियुक्ति करवा देगा। प्रति उम्मीदवार 2.50 लाख रुपए की मांग की गई।
CG Fraud News: रेलवे माल गोदाम में स्थायी नौकरी दिलाने का झांसा देकर 33 लाख 50 हजार रुपए की ठगी करने वाले गिरोह को उतई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मुख्य आरोपी बिशेश्वर मारकंडे उर्फ बिसेसर खुद रेलवे गोदाम में हमाली करता था, जबकि उसका साथी हेमंत कुमार साहू श्रमिक संगठन का पूर्व सचिव है। दोनों अपनी पहचान का फायदा उठाकर युवाओं को सरकारी नौकरी का भरोसा देते थे। तीसरा आरोपी प्रमोद मारकंडे उर्फ राहुल है। तीनों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया है।
एएसपी के अनुसार, उमरपोटी वेदांत नगर निवासी रीति देशलहरा ने 18 नवंबर को शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि नवरात्र 2022 में उनका परिचित बिशेश्वर घर आया और भारतीय रेलवे माल गोदाम में स्थायी नौकरी लगवाने का दावा किया। उसने कहा कि वह वहां लीडर है और तीन महीने के भीतर नियुक्ति करवा देगा। प्रति उम्मीदवार 2.50 लाख रुपए की मांग की गई।
रीति देशलहरा ने आरोपी पर भरोसा कर अपने पुत्र प्रमोद की नौकरी के लिए राशि दी। हेमंत साहू ने भी परिचित युवकों से राशि इकट्ठी करवाई। 24 दिसंबर 2022 से 24 अप्रैल 2023 के बीच ३२ बेरोजगार युवाओं से करीब 33.50 लाख रुपए वसूले गए। तय समय बीतने के बाद न तो किसी की नौकरी लगी और न ही पैसे लौटाए गए। बार-बार पूछने पर आरोपी टालमटोल करते रहे।
जांच में सामने आया कि आरोपियों ने यह रकम वाहन खरीदने, घर निर्माण और अन्य निजी खर्चों में उड़ाई। पुलिस ने आरोपियों के पास से दो लाख 22 हजार रुपए नकद, दो कार, एक इलेक्ट्रिक स्कूटी, चार मोबाइल फोन, बैंक पासबुक व एटीएम सहित कई दस्तावेज जब्त किए हैं।
आरोपी खुद रेलवे गोदाम में हमाली का काम करता था, जबकि दूसरा आरोपी रेलवे यूनियन का पूर्व सचिव है। दोनों अपनी पहचान का हवाला देकर युवाओं को धोखा देते थे। पुलिस ने प्रकरण में पूरी जांच कर तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।- विजय अग्रवाल, एसएसपी
उसी बूथ में अब भी रहते हैं, सिर्फ पता बदला है। फिर भी फॉर्म नहीं दे रहे।
-जनार्दन, निवासी चरोदा
बूथ क्रमांक 49 में नाम है, पर नया पता बताते ही बीएलओ ने फॉर्म देने से मना कर दिया।
-कल्पना, निवासी चरोदा
बूथ 51 में नाम है, लेकिन फॉर्म नहीं दिया जा रहा। बार-बार चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
जब बीएलओ आए थे, तब रायपुर गया हुआ था। अब फॉर्म नहीं दिया जा रहा।
तहसील ऑफिस भेज रहे हैं, वहां किससे मिलना है यह भी नहीं बता रहे।
बीएलओ पता बदलने का हवाला देकर फॉर्म नहीं दे रहे है। लोग बेहद परेशान हैं।
— चंद्र प्रकाश पांडेय, पार्षद