CG News: नियमत: हर श्रमिक को प्रतिदिन चाय के लिए दस रुपए दिया जाना है। यानी दो लाख 70 हजार रुपए प्रतिदिन। यदि वर्षभर का आंकड़ा बताएं तो यह राशि करीब दस करोड़ रुपए तक पहुंच जाती है..
CG News: भिलाई स्टील प्लांट में ठेकेदार हर वर्ष 27,000 ठेका श्रमिकों की चाय की पैसा दबा रहे हैं। यह राशि हजारों या लाखों में नहीं बल्कि करोड़ों में है। नियमत: हर श्रमिक को प्रतिदिन चाय के लिए दस रुपए दिया जाना है। ( CG News) यानी दो लाख 70 हजार रुपए प्रतिदिन। यदि वर्षभर का आंकड़ा बताएं तो यह राशि करीब दस करोड़ रुपए तक पहुंच जाती है। लेकिन ठेकेदार श्रमिकों को यह राशि नहीं देते। श्रमिक संगठनों के अनुसार यदि श्रमिक अपना हक मांगते हैं तो उनसे गेटपास छीन लिया जाता है। इससे उन्हें प्लांट के भीतर किसी भी गेट से प्रवेश नहीं कर पाता।
बीएसपी प्रबंधन चाय पीने के लिए प्रत्येक ठेका एजेंसी को 10 रुपए प्रति श्रमिक देता है। यह राशि ठेका एजेंसी के खातों में डाल दी जाती है। यह राशि ठेकेदारों को नियमित मिल रही है, लेकिन श्रमिकों को इस राशि का लाभ नहीं मिल रहा। उल्लेखनीय है कि भिलाई इस्पात संयंत्र में इस वक्त करीब 200 ठेकेदार काम कर रहे हैं। इसके अलावा करीब 100 से अधिक पेटी ठेकेदार भी हैं।
जनसंपर्क विभाग के अधिकारी ने बताया कि ठेकेदार अपने ठेका श्रमिकों का नियोक्ता होता है। श्रमिकों को देय किसी भी प्रकार के भुगतान की जिम्मेदारी उसी की ही होती है। बीएसपी प्रबंधन, प्रधान नियोक्ता की भूमिका में केवल श्रमिकों के वेतन व वैधानिक प्रावधानों के भुगतान को ही तय कर सकता है। इसके अतिरिक्त किसी भी प्रकार का भुगतान, जैसे चाय राशि या अन्य सुविधा से संबंधित भुगतान, बीएसपी प्रबंधन की ओर से सीधे ठेका श्रमिकों को नहीं किया जा सकता।
भिलाई इस्पात संयंत्र में करीब 27,000 ठेका मजदूर काम कर रहे हैं। इसमें से सभी को चाय का पैसा नहीं मिल रहा है। यूनियन मजदूरों से चर्चा कर, मांग को उच्च प्रबंधन के समक्ष लेकर जाएगी।
संजय साहू, अध्यक्ष, स्टील ठेका श्रमिक यूनियन, इंटक, बीएसपी
भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन चाहे तो मजदूरों को सीधे कूपन से चाय का पैसा दे सकता है। इससे जो बेबुनियाद आरोप ठेकेदारों पर लगते हैं, वह भी दूर हो जाएंगे।
ए कादर, अध्यक्षसेल स्टील प्लांट कांट्रैक्टर एसोसिएशन, भिलाई