Weather Update: छत्तीसगढ़ में लगातार हो रही बारिश से एक दिन की भी राहत मिलती दिखाई नहीं दे रही है। मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा के अनुसार सोमवार को दुर्ग जिले के कुछ इलाकों में बारिश की संभावना जताई गई है।
Weather Alert: दुर्ग जिले में अब तक 339.2 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। मौसम विभाग ने जिले के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। सोमवार को भी दुर्ग संभाग में अच्छी बारिश की संभावना व्यक्त की गई है। रविवार को दिन भर आसमान बादलों से ढंका रहा। सुबह हल्की बारिश हुई। दोपहर बाद फुहारें पड़ती रही। दिन ढलने के बाद फिर बारिश हुई। रविवार को दुर्ग ब्लाक में 5 मिमी, धमधा में 1.2 मिमी, पाटन में 4.2 मिमी, भिलाई-3 में 3.8 और अहिवारा में 6.3 वर्षा दर्ज की गई है।
भू-अभिलेख शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक सर्वाधिक वर्षा 583.5 मिमी पाटन में तथा न्यूनतम 219.5 मिमी बोरी में दर्ज की गई है। इसके अलावा दुर्ग में 295.8 मिमी, धमधा में 241.2 मिमी, भिलाई 3 में 303.2 मिमी और अहिवारा में 392.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। जिले में पिछले सप्ताहभर से अच्छी बारिश हो रही है। इससे खेती किसानी के काम में तेजी आई है।
जिले में सावन के आमद से पहले से ही अच्छी बारिश हो रही है। बारिश का यह क्रम अब भी बरकरार है। इससे पहले तक स्थिति यह था कि बोनी के रोपाई का (CG Weather Update) काम पूरी तरह अटक गया था, लेकिन अब बारिश से न सिर्फ पानी का संकट खत्म हुआ है, बल्कि खेती किसानी के कामों में भी तेजी आई है।
इस बार जिले में 33 हजार 395 हेक्टेयर क्षेत्र में धान की रोपाई किए जाने का लक्ष्य है। कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अब तक 5 हजार हेक्टेयर अधिक क्षेत्र में रोपाई हो चुकी है। जिले में इस बार खरीफ में1 लाख48 हजार 660 हेक्टेयर में विभन्न प्रकार की फसल क्षेत्रच्छादन का लक्ष्य है। इनमें 1 लाख 35 हजार 190 हेक्टेयर में धान की फसल लिया जाना है। जिसके विरुद्ध अब तक 1 लाख 42 हजार 227 हेक्टेयर में धान फसल का क्षेत्रच्छादन हो चुका है। इनमें लगभग 1 लाख 13 हजार हेक्टेयर में बोनी किया गया है।
इसी प्रकार इस बार खरीफ में 1000 हेक्टेयर में दलहनी फसल लेने का लक्ष्य मगर अब तक की स्थिति में दलहनी फसलों का करीब 700 हेक्टेयर में ही क्षेत्राच्छादन हो पाया है। लगातार बारिश के कारण दलहन तिलहन की बोनी में अड़चन आ रही है। गत वर्ष 2074 हेक्टेयर में तिलहनी फसल थी। इसे बढ़ाकर इस बार 2130 हेक्टेयर में तिलहनी फसल लेने का लक्ष्य रखा गया है। जिसके विरुद्ध अब तक करीब 1600 हेक्टेयर में दलहनी फसल का क्षेत्राच्छादन हो चुका है।