International Yoga Day 2024: लंगर… यानि खाने-पीने की चीजों के भंडारे के बारे में तो आपने सुना होगा, लेकिन रिसाली में स्वास्थ्य के लिए योग का लंगर लगाया जाता है।
International Yoga Day 2024: लंगर… यानि खाने-पीने की चीजों के भंडारे के बारे में तो आपने सुना होगा, लेकिन रिसाली में स्वास्थ्य के लिए योग का लंगर लगाया जाता है। यह लंगर 12 साल से अनवरत चल रहा है। यहां लोगों को मुफ्त योग सिखाने के साथ अभ्यास भी कराया जाता है।
यहां 700 से ज्यादा लोग स्वास्थ्य लाभ ले चुके हैं। यहां से प्रशिक्षित बच्चे राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं। रिसाली के दशहरा मैदान में ऑक्सीजोन क्षेत्र में यह लंगर चलता है। योग लंगर संस्था द्वारा प्रतिदिन सुबह 4 घंटे योग प्रशिक्षण दिया जाता है। संस्था के संस्थापक अशोक माहेश्वरी बताते हैं कि योग लंगर की स्थापना कुछ सदस्यों ने मिलकर की और कारवां चल पड़ा।
योग गुरु अशोक माहेश्वरी बताते हैं कि यहां हर धर्म के लोग आते हैं। संस्था निर्माण के दौरान किसी धर्म विशेष की बात नहीं आएं और किसी में भेद दिखे ऐसा नहीं होना चाहिए। इस बात को लेकर गंभीर चिंतन किया गया। चूंकि योग में मुसलमान, सिख, इसाई और हिंदू सभी शामिल होते हैं। इसलिए सबने मिलकर इसका नाम योग लंगर रखने का फैसला किया। प्रशिक्षण के बदले फीस के बजाए यहां नियमित पहुंचने और योगाभ्यास करने का वादा लिया जाता है।
यहां रिसाली के अलावा मरोदा सेक्टर, कुम्हारी, तालपुरी कालोनी के अलावा महाराष्ट्र के पुणे में भी नि:शुल्क रूप से संचालित की जा रही है। इन शिविरों में प्रशिक्षित बच्चों ने राष्ट्रीय योगासन चैम्पियनशिप में भी अपनी प्रतिभा दिखा चुके हैं। उन्होंने बताया कि बच्चों ने राष्ट्रीय स्तर पर चतुर्थ स्थान प्राप्त किया। योग में शामिल होने वाले कई गरीब बच्चों की पढ़ाई का खर्च भी योग गुरू अशोक माहेश्वरी करते हैं।
योग लंगर में महिलाओं की अच्छी खासी भीड़ रहती है। कामकाजी महिलाएं भी यहां पहुंचती हैं। मरोदा पार्क में सबसे ज्यादा महिलाएं ही पहुंचती हैं। योग गुरू ने बताया कि मोटापा कम करने के साथ-साथ गंभीर बीमारियों से बचने के लिए योग बेहद जरूरी है। बीएसपी कर्मी भी इस योग लंगर में आते हैं और परेशानियों के हिसाब से प्रशिक्षण लेते हैं। योग लंगर परिवार द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए भी काम किया जा रहा है।