भिलाई

CG News: स्वामी विवेकानंद विश्वविद्याल में परिवारवाद और भ्रष्टाचार के आरोपों पर बड़ी कार्रवाई, हटाए गए कुलसचिव

CG News: पीएचडी विभाग की प्रभारी रहीं दिप्ती वर्मा को भी उनके मूल पद, सीएसवीटीयू यूटीडी के कंप्यूटर साइंस विभाग में फैकल्टी के रूप में भेज दिया गया है। एक ही दिन में जारी इन दो आदेशों ने विवि परिसर में हलचल बढ़ा दी।

2 min read
Nov 27, 2025
स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय (Photo Patrika)

CG News: छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय (सीएसवीटीयू) में लंबे समय से उठते रहे परिवारवाद और कथित भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच बुधवार को बड़ा प्रशासनिक कदम उठाया गया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रभारी कुलसचिव डॉ. अंकित अरोरा को तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया है और उन्हें उनकी मूल पदस्थापना शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, अंबिकापुर वापस भेजने का आदेश जारी किया गया है।

इसी क्रम में पीएचडी विभाग की प्रभारी रहीं दिप्ती वर्मा को भी उनके मूल पद, सीएसवीटीयू यूटीडी के कंप्यूटर साइंस विभाग में फैकल्टी के रूप में भेज दिया गया है। एक ही दिन में जारी इन दो आदेशों ने विवि परिसर में हलचल बढ़ा दी।

नए प्रभारी कुलसचिव की जिम्मेदारी यूटीडी के सहायक प्राध्यापक डॉ. अमित सिंह राजपूत को सौंपी गई है। वहीं स्थापना विभाग के डॉ. आर.एस. ठाकुर को अतिरिक्त रूप से पीएचडी प्रकोष्ठ का प्रभार दिया गया है।

शासन के निर्देश पर कार्रवाई की गई है। प्रभारी कुलसचिव डॉ. अंकित अरोरा को कार्यमुक्त कर दिया गया है और दिप्ती वर्मा को उनके मूल पद पर भेज दिया गया है। नए प्रभारी कुलसचिव के रूप में यूटीडी के सहायक प्राध्यापक को नियुक्त किया गया है। - डॉ. अरुण अरोरा, कुलपति, सीएसवीटीयू

कार्रवाई में देरी क्यों हुई?: सूत्रों के अनुसार, शासन द्वारा भेजे गए रिलीविंग आदेशों को उस समय के कुछ अधिकारियों ने आगे नहीं बढ़ाया, जिससे कार्रवाई लंबित हो गई। यहां तक कि एक पत्र गुम या चोरी होने का मामला भी सामने आया था, जिस पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी। छात्र संगठनों और आरटीआई कार्यकर्ताओं द्वारा लगातार दबाव से निर्णय आया।

जांच में आरोप साबित, इसलिए दबाव में आया विवि

जांच में यह भी सामने आया कि दिप्ती वर्मा ने संबद्धता शाखा में रहते हुए कथित तौर पर नियमों की अनदेखी की और संसाधनों की कमी वाले कॉलेजों को पैसे लेकर संबद्धता दी। छत्तीसगढ़ लोक आयोग ने इस मामले में दिप्ती वर्मा सहित पूर्व कुलपति डॉ. एमके वर्मा, पूर्व कुलसचिव डॉ. के.के. वर्मा, पूर्व कुलसचिव डॉ. डी.एन. सिरसांत और जी.आर. साहू पर कार्रवाई की सिफारिश की है।

आरोपों में यह भी शामिल है कि तत्कालीन कुलसचिव डॉ. के.के. वर्मा ने अपनी बेटी दिप्ती वर्मा और दामाद डॉ. अंकित अरोरा को शासन की अनुमति के बिना ही अटैचमेंट पर सीएसवीटीयू में पदस्थ किया। फिलहाल यह मामला बिलासपुर हाईकोर्ट में लंबित है, जहां से सभी को अंतरिम स्टे मिला हुआ है।

साल 2024 में तकनीकी शिक्षा संचालनालय में शिकायत दर्ज कराई गई थी कि सीएसवीटीयू में अधिकारियों के स्तर पर परिवारवाद का दखल बढ़ गया है और कई गंभीर अनियमितताएं हो रही हैं। जांच समिति ने पिछले वर्ष ही अपनी रिपोर्ट सौंपकर आरोपों को सही पाया। अनुशंसा में साफ कहा गया था कि अंबिकापुर से अटैचमेंट पर आए डॉ. अंकित अरोरा और दिप्ती वर्मा को वापस भेजा जाए। शासन ने 21 मार्च 2024 को रिलीविंग आदेश भी भेजा, लेकिन दोनों अधिकारी लगभग दो वर्ष तक पद पर बने रहे।

Updated on:
27 Nov 2025 01:25 pm
Published on:
27 Nov 2025 01:24 pm
Also Read
View All

अगली खबर