SIR Form: एसआईआर प्रक्रिया शुरू होने पर बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) पुराने पते पर जाकर मकान मौजूद न मिलने पर फॉर्म देने से मना कर रहे हैं। इससे वे लोग परेशान हैं जिनका पता बदल चुका है।
SIR Form: बीएमवाय चरोदा और बीएसपी टाउनशिप में रेलवे के अनफिट मकानों को तोड़े जाने के बाद बड़ी संख्या में परिवार दूसरे आवासों में शिफ्ट हुए हैं। अब एसआईआर प्रक्रिया शुरू होने पर बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) पुराने पते पर जाकर मकान मौजूद न मिलने पर फॉर्म देने से मना कर रहे हैं। इससे वे लोग परेशान हैं जिनका पता बदल चुका है, पर उनका बूथ वही है और उनका एसआईआर फॉर्म बीएलओ के पास है।
उच्चाधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि 4 दिसंबर को सूची (नाम चस्पा) प्रकाशित होने पर ऐसे लोग फिर से अपना नाम जुड़वा सकेंगे। इसलिए फॉर्म न मिलने पर चिंता करने की जरूरत नहीं है।
रेलवे की जोन-1, 2 और 3 कॉलोनियों में कई मकान अनफिट घोषित कर ढहा दिए गए। इन मकानों में रहने वाले रेलवे कर्मी, पूर्व कर्मचारी और अन्य परिवार दूसरे घरों में चले गए। बीएलओ पुराने पते पर पहुंचकर फॉर्म तो रखते हैं, पर नए पते पर इसे देने से मना कर देते हैं।
लोगों का कहना है कि अगर नाम कट गया तो बाद में राशन कार्ड और सरकारी सुविधाओं से भी वंचित हो जाएंगे। कई लोग इस समस्या को लेकर पार्षदों, निगम कार्यालय और एसडीएम दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं।
4 नवंबर से 4 दिसंबर तक - घर-घर जाकर आवेदन भराए जाएंगे
9 दिसंबर - आवेदन के आधार पर मतदाता सूची का प्रारंभिक प्रकाशन
9 दिसंबर से 8 जनवरी - नाम जोडऩे अथवा काटने को लेकर दावा-आपत्ति
9 दिसंबर से 31 जनवरी - दावा-आपत्तियों पर सुनवाई व सत्यापन
7 फरवरी - मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन
चूंकि बीएलओ जिस पते पर नाम दर्ज है, वहीं फॉर्म देने के लिए बाध्य हैं, इसलिए पुराने ढहे हुए मकानों के निवासियों, यहां तक कि रेलवे कर्मचारियों को भी फॉर्म नहीं दिया जा रहा। बीएलओ का कहना है कि निर्देश है कि जिसका पंजीकृत पता खाली या ढहा हुआ है, उसे नए पते पर फॉर्म नहीं दिया जा सकता।
फॉर्म में दर्ज पते पर व्यक्ति नहीं रहता है तो बीएलओ ‘शिफ्ट’ मार्क करेगा। चार दिसंबर को सूची प्रकाशित होगी। तब इच्छुक लोग अपना नाम फिर से जुड़वा सकेंगे। परेशान न हों। — पीएस ध्रुव, आयुक्त, रायपुर