रसद विभाग का अनुमान है कि राशनकार्ड बनवाने के बाद परिवार रोजगार की तलाश में दूसरे जिलों या राज्यों में चले गए। ऐसे में योजना का लाभ नहीं उठा पाए।
Rajasthan News: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन में पांच किलो गेहूं निशुल्क लेने के पात्र होने के बावजूद सरकारी योजना का लाभ नहीं ले रहे राशन कार्ड धारकों की छंटनी शुरू कर दी गई। जिला रसद विभाग ने भीलवाड़ा व शाहपुरा जिले के करीब साढ़े छह हजार राशन कार्ड को खाद्य सुरक्षा मिशन से बाहर कर दिया।
दोनों जिलों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा से 4,11,818 परिवार जुड़े हैं। इनमें सदस्य संख्या 14,87,724 है। पात्र परिवारों को पांच किलो मुफ्त गेहूं मिलता है। भीलवाड़ा व शाहपुरा जिले में 6,395 राशन कार्ड वाले परिवार निष्क्रिय हैं।
इनमें दो या अधिक वर्ष से 2335 तथा एक वर्ष से 4 हजार कार्ड धारक राशन नहीं उठा रहे। इनकी उपस्थिति राशन डीलर के पास दर्ज नहीं हुई है। यह सॉफ्टवेयर के जरिए पकड़ में आए हैं। इसे देखते हुए रसद कार्यालय ने इसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी थी।
राजस्थान सरकार ने हाल में गिवअप योजना शुरू की। सरकार ने कहा कि जो लोग अब अनाज खरीदने में सक्षम हो गए हैं, तो नाम योजना से हटवा लें। अब तक 300 से ज्यादा लोगों ने विभाग आकर नाम हटाने के आवेदन किए। 31 जनवरी तक लोग खुद नाम हटवा सकते हैं। उसके बाद विभाग अभियान चलाएगा।
विभाग का अनुमान है कि राशन कार्ड बनवाने के बाद परिवार रोजगार की तलाश में दूसरे जिलों या राज्यों में चले गए। कुछ परिवार में एक या दो लोग थे, उनमें एक की मौत के बाद दूसरे ने अनाज नहीं लिया या दूसरी जगह चला गया। कुछ सक्षम हैं, जो कार्ड बनवा लेते हैं पर काम नहीं लेते हैं। केवल डॉक्यूमेंट के रूप इस्तेमाल करते हैं।
एक या दो साल से एनएफएस के तहत मुफ्त अनाज नहीं ले रहे थे। विभाग ने निष्क्रिय मान सरकार को रिपोर्ट भेजी थी। छह हजार से अधिक राशन कार्ड निरस्त हुए हैं। अब पोर्टल खुलने पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन में दूसरे पात्रों को जगह मिलेगी। गिव अप अभियान के तहत 31 जनवरी तक आवेदन कर सकते हैं।
अमरेन्द्र मिश्र, जिला रसद अधिकारी