कक्षा 9 से 12वीं तक पढ़ रहे दो लाख से अधिक विद्यार्थियों को मिल सकेगी बेहतर शिक्षा, ड्रॉप आउट दर होगी कम सेवा नियमों में संशोधन के चलते दो साल से लंबित था मामला, आधे पदों पर होगी सीधी भर्ती
सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत लगभग दो लाख से अधिक दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए यह एक बड़ी राहत की खबर है। लंबे समय से अटके पड़े विशेष शिक्षा व्याख्याता पदों को वित्त विभाग ने आखिरकार मंजूरी दे दी है। सरकारी स्कूलों में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के दिव्यांग विद्यार्थियों की पढ़ाई अब वरिष्ठ अध्यापकों के सहारे नहीं होगी। वित्त विभाग ने लेवल 12 में 242 विशेष शिक्षा व्याख्याता पदों के सृजन की वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी है।
भरे जाएंगे पद
विशेष शिक्षा व्याख्याता के ये पद दो तरीकों से भरे जाएंगे। आधे पद पदोन्नति के माध्यम से तथा शेष आधे पदों के लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग अजमेर की ओर से सीधी भर्ती आयोजित की जाएगी। यदि शिक्षा विभाग इस प्रक्रिया में तेजी दिखाता है, तो इस शैक्षणिक सत्र में बोर्ड परीक्षाओं से पहले ही दिव्यांग विद्यार्थियों को विशेषज्ञ शिक्षक मिल सकेंगे। विभाग की ओर से छह विषयों में विशेष शिक्षा व्याख्याता की नई भर्ती की तैयारी की जा रही है। सेवा नियमों में संशोधन की वजह से पिछले दो साल से यह मामला उलझा हुआ था।
ड्रॉप आउट के आंकड़े में आएगी कमी
राज्य में अभी तक व्याख्याता विशेष शिक्षा का पद नहीं होने के कारण ड्रॉप आउट विद्यार्थियों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा था। विशेष शिक्षकों की कमी के चलते हर साल दो हजार से अधिक विद्यार्थियों को उच्च माध्यमिक कक्षाओं की पढ़ाई के लिए मजबूरन दूसरे राज्यों में जाना पड़ रहा था। राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील के प्रदेश अध्यक्ष नीरज शर्मा ने कहा कि लेवल 12 के 242 पद सृजित होने से विशेष शिक्षा के प्रति विद्यार्थियों का नामांकन बढ़ेगा। मूक बधिर व नेत्रहीन विद्यार्थियों के लिए स्कूलों में व्याख्याता नहीं होने से उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही थी। वित्त विभाग की इस अधिसूचना से राज्य भर में दिव्यांग विद्यार्थियों को बेहतर और समावेशी शिक्षा मिल सकेगी।