त्योहारी सीजन से शादी समारोह तक ऑनलाइन पेमेंट बना पहली पसंद, छोटे व्यवसायियों को भी बड़ा फायदा
मोबाइल ऐप, यूपीआई और क्यूआर कोड ने खरीदारी को इतना आसान बना दिया है कि ग्राहक अब कुछ ही सेकंड में भुगतान कर अपनी मनचाही चीजें खरीद पा रहे हैं। न नकदी रखने की चिंता, न एटीएम जाने की जरूरत एक क्लिक में पेमेंट का यह नया अनुभव उपभोक्ताओं की रोजमर्रा की आदत का हिस्सा बनता जा रहा है।
त्योहारी खरीदारी में पूजन सामग्री, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक सामान से लेकर मिठाई तक का भुगतान ग्राहकों ने ऑनलाइन किया। डिजिटल वॉलेट और यूपीआई ने पेमेंट को तेज और सुरक्षित बनाया। ग्राहक बिना बैंक विवरण साझा किए भुगतान कर पा रहे हैं। इससे धोखाधड़ी का खतरा कम हुआ है। नई तकनीकों के चलते पेमेंट सिस्टम लगातार उन्नत हो रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी जैसे विकल्प भविष्य में लेन-देन को और अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बना सकते हैं।
ऑनलाइन भुगतान प्रणाली ने छोटे व्यापारियों, खासतौर पर फुटपाथ और ठेला लगाकर काम करने वाले विक्रेताओं के लिए बड़ी संभावनाएं खोली हैं। क्यूआर कोड और यूपीआई से छोटे दुकानदार भी आसानी से भुगतान ले पा रहे हैं। ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों ने उनके कारोबार को नए बाजारों से जोड़ा। इससे आय में वृद्धि तो हुई ही, ग्राहकों को खरीदारी में सुविधा भी मिली।
ऑनलाइन भुगतान ने एटीएम की तस्वीर ही बदल दी है। पहले खरीदारी से पहले एटीएम पर पहुंचकर नकदी निकालना पड़ता था, जहां भीड़ और कतारें लगी रहती थीं। अब एटीएम सूने रहते है। लोग बैंक से नकदी ले जाने की बजाय डिजिटल पेमेंट को सुरक्षित विकल्प मान रहे हैं।
बाजार जाकर लंबी कतारों में खड़े होने का दौर अब पीछे छूट रहा है। ऑनलाइन पेमेंट की वजह से ग्राहक घर बैठे पसंदीदा सामान चुनकर तुरंत भुगतान कर पा रहे हैं। त्योहारों और भीड़भाड़ के दिनों में भी खरीदारी में आसानी बनी रहती है। डिजिटल पेमेंट अब समय और पैसे दोनों की बचत कराने वाला माध्यम बन चुका है।
विशेषज्ञों का मानना है कि डिजिटल पेमेंट के नए विकल्प और तकनीक आने वाले समय में लेन-देन को और सुरक्षित और तेज बनाएंगे। राजस्थान में भी डिजिटल जागरुकता बढ़ने के साथ ऑनलाइन पेमेंट का दायरा लगातार बढ़ रहा है।