- मेवाड़ चैंबर भवन में जीएसटी बचत उत्सव पर कार्यशाला आयोजित - उद्यमियों ने रखी समस्याएं, विभागीय अधिकारियों ने दिए समाधान - निर्यातकों के शिपिंग बिल, डेटा मैचिंग व रिफंड रिजेक्शन पर खुलकर बातचीत
मेवाड़ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से बुधवार को चेंबर भवन में जीएसटी बचत उत्सव एवं सेंट्रल जीएसटी पर कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में जीएसटी से जुड़े कई तकनीकी व व्यावहारिक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। इसमें विशेष रूप से रिवर्स चार्ज पर इनपुट टैक्स क्रेडिट, जीएसटी रिफंड प्रक्रिया और डेटा मिलान में असंगति जैसे विषय प्रमुख रहे।
कार्यशाला में हाल ही जारी सर्कुलर के संदर्भ में निर्यातकों के शिपिंग बिल को को-रिलेट कर रिफंड क्लेम रिजेक्ट करने की प्रक्रिया पर भी विचार-विमर्श किया गया। इस मुद्दे पर उपस्थित उद्यमियों ने विभागीय अधिकारियों के समक्ष अपने अनुभव व समस्याएं रखीं।
कार्यशाला में चैंबर महासचिव आरके. जैन, सीए एसपी. झंवर, निर्यातक जीसी. जैन एवं योगेश लढ़्ढा सहित कई उद्योग प्रतिनिधियों ने रिफंड में आ रही तकनीकी दिक्कतों, पोर्टल त्रुटियों तथा रिवर्स चार्ज व्यवस्था में आने वाली चुनौतियों पर अपने सुझाव प्रस्तुत किए।
अधिकारियों ने दिए जवाब, बताया समाधान का मार्ग
उद्योग जगत की शंकाओं का समाधान उदयपुर संभाग के सहायक आयुक्त आरके गुप्ता ने विस्तार से किया। उन्होंने कहा कि विभाग पारदर्शी प्रणाली के साथ उद्योगों को राहत देने की दिशा में लगातार प्रयासरत है। कार्यशाला में एसजीएसटी के अतिरिक्त आयुक्त हितेन्द्र त्रिवेदी, सहायक आयुक्त बलराम मीणा, सहायक आयुक्त अजय कुमार मोदी और उपायुक्त काना राम भी उपस्थित रहे।
चेंबर पदाधिकारियों ने किया स्वागत
कार्यशाला के प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत मेवाड़ चैंबर के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. आरसी. लोढ़ा, पूर्वाध्यक्ष जीसी. जैन, संयुक्त सचिव एनके. जैन सहित आईसीएआई, आईसीएसआई व टैक्स बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने किया।
राज्य स्तर पर जीएसटी सुधार पर ध्यान केंद्रित
राज्यभर में विभाग की ओर से ऐसे संवाद कार्यक्रमों का उद्देश्य उद्योगों और करदाताओं को जीएसटी के नवीन प्रावधानों की जानकारी देना और रिफंड, रिवर्स चार्ज जैसी जटिलताओं को सरल बनाना है। भीलवाड़ा में हुई यह कार्यशाला उद्यम जगत और विभागीय अधिकारियों के बीच सकारात्मक संवाद की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।