कपड़ा निर्यातकों को मिलेगी राहत, मेवाड़ चैंबर के प्रयास सफल
केंद्र सरकार ने कपड़ा उद्योग को राहत देते हुए अमरिका से आने वाले कपास पर शुल्क मुक्त आयात की अवधि तीन महीने बढ़ाकर अब 31 दिसंबर 2025 तक कर दी है। इस कदम का उद्देश्य उन कपड़ा निर्यातकों को सहारा देना है, जो अमरिकी बाजार में 50 प्रतिशत तक ऊंचे शुल्क का सामना कर रहे हैं।
पहले 30 सितंबर तक थी छूट
वित्त मंत्रालय ने इससे पूर्व 18 अगस्त को घोषणा करते हुए 19 अगस्त से 30 सितंबर तक कपास आयात पर शुल्क में छूट की अनुमति दी थी। अब इस अवधि को तीन महीने और बढ़ाया गया है।
किन शुल्कों से मिलेगी छूट
मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कपास (एचएस 5201) पर 5 प्रतिशत मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) और 5 प्रतिशत कृषि अवसंरचना एवं विकास उपकर (एआईडीसी) से छूट मिलेगी। साथ ही दोनों पर लगने वाला 10 प्रतिशत सामाजिक कल्याण अधिभार भी नहीं लिया जाएगा। इससे कपास पर कुल 11 प्रतिशत आयात शुल्क से उद्योग को राहत मिलेगी।
मेवाड़ चैंबर का प्रतिनिधिमंडल हुआ था सक्रिय
मेवाड़ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के महासचिव आरके जैन ने बताया कि इस संबंध में 20 अगस्त को टेक्सटाइल उद्योग का उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिला था। इसमें मेवाड़ चैंबर के पूर्व अध्यक्ष एवं सीआईटीआई के उपाध्यक्ष दिनेश नौलखा भी शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने कपास आयात शुल्क छूट की अवधि बढ़ाने की मांग की थी, ताकि उद्योग को अपेक्षित लाभ मिल सके।
कपड़ा उद्योग को बड़ी राहत
जैन ने कहा कि सरकार के इस फैसले से कपास की कमी का सामना कर रहे टेक्सटाइल उद्योग को काफी राहत मिलेगी। साथ ही भारत को अन्य देशों की तुलना में निर्यात प्रतिस्पर्धा में भी मजबूती मिलेगी। इसके अलावा अक्टूबर माह के बाद स्थानीय स्तर पर कपास मिलने लगेगा।