- कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं, दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई
महिला कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर शिक्षा विभाग ने सख्त रुख अपनाया है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने सभी संभागीय संयुक्त निदेशकों, जिला शिक्षा अधिकारियों और संस्थान प्रमुखों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि किसी भी कार्यस्थल पर महिला का यौन उत्पीड़न एक गंभीर अपराध है और इसे किसी भी सूरत में नजरअंदाज नहीं किया जाएगा।
निदेशक ने आदेश में स्पष्ट लिखा है कि कई कार्यालयों में वरिष्ठ अधिकारी अपने अधीनस्थ महिला कर्मचारियों के साथ अनुचित व्यवहार करते हैं। इससे कार्यस्थल की गरिमा और महिलाओं का आत्म सम्मान आहत होता है। यह न केवल सामाजिक दृष्टि से निंदनीय है, बल्कि राजस्थान सेवा नियमों और भारतीय दंड संहिता के तहत कठोर दंडनीय अपराध भी है।
महिला शिक्षिकाओं में दिखी राहत की भावना
इस आदेश के बाद महिला शिक्षिकाओं और कर्मचारियों में राहत और आत्मविश्वास की भावना देखने को मिली है। अक्सर महिलाएं डर या संकोच के कारण शिकायत नहीं करतीं, लेकिन अब शिक्षा निदेशालय ने साफ कर दिया है कि चुप रहना जरूरी नहीं, बोलना अब अधिकार है। हर संस्था में आंतरिक शिकायत समिति बनाना अनिवार्य किया गया है। इस समिति की अध्यक्ष महिला होगी और आधी से अधिक सदस्य भी महिलाएं होंगी। समिति में एक सदस्य महिला अधिकारों से जुड़े एनजीओ से भी लिया जाएगा।
पालना नहीं करने वालों पर भी गिरेगी गाज
निदेशक जाट ने चेतावनी दी है कि यदि कोई अधिकारी या संस्थान प्रमुख विशाखा गाइडलाइन की पालना नहीं करता है या शिकायतों को दबाने का प्रयास करता है, तो उसके खिलाफ भी विभागीय और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह आदेश महिला शिक्षिकाओं और कार्मिकों के लिए सिर्फ एक सरकारी परिपत्र नहीं, बल्कि सुरक्षा और सम्मान की दीवार है। इसके सहारे वे अपने कार्यस्थल पर आत्मसम्मान और आत्मविश्वास के साथ काम कर सकेंगे।