- जनाधार प्रमाणित में लापरवाही बर्दाश्त नहीं - शत-प्रतिशत विद्यार्थियों का डाटा शालादर्पण पोर्टल पर अपडेट करने के निर्देश
राज्य सरकार की ओर से विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म-सिलाई समेत एवं स्कूल बैग के लिए डीबीटी के माध्यम से सहायता राशि देने की योजना पर अमल में लापरवाही सामने आई है। मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देश और बजट घोषणा के बावजूद कई जिलों में शालादर्पण पोर्टल पर विद्यार्थियों का जनाधार प्रमाणित का कार्य अभी तक पूरा नहीं हुआ है। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की आयुक्त व राज्य परियोजना निदेशक अनुपमा जोरवाल ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को सख्त चेतावनी जारी करते हुए कहा कि यदि किसी भी विद्यार्थी को डीबीटी से वंचित रहना पड़ा तो उसकी जिम्मेदारी संबंधित संस्था प्रधान व सीबीईओ की होगी।
800 रुपए प्रति विद्यार्थी डीबीटी
बजट घोषणा के अनुसार सत्र 2025-26 से कक्षा 1 से 8 तक के सभी विद्यार्थियों एवं कक्षा 9 से 12 की छात्राओं को यूनिफॉर्म (सिलाई सहित) और स्कूल बैग के लिए 800 रुपए प्रति विद्यार्थी की सहायता राशि सीधे बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी। सत्र 2024-25 की डीबीटी प्रक्रिया भी जारी है। अधिकारियों को समय पर जनाधार प्रमाणित करने के निर्देश दिए जाने के बावजूद कई जिलों में प्रगति बेहद धीमी है। जोरवाल ने कहा कि यह शिथिलता कार्यप्रणाली में गंभीर कमी दर्शाती है।
डीबीटी योजना से इन्हें मिलेगा फायदा
- कक्षा 1 से 8 तक के सभी विद्यार्थी लाभान्वित
- कक्षा 9 से 12 तक की छात्राओं को भी मिलेगा लाभ
- प्रति विद्यार्थी 800 रुपए डीबीटी सहायता राशि
- यूनिफॉर्म (सिलाई सहित) व स्कूल बैग के लिए राशि
- जनाधार प्रमाणित अनिवार्य, बिना इसके भुगतान संभव नहीं
जनाधार प्रमाणित की जिम्मेदारी
अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि जिन विद्यालयों में विद्यार्थियों का जनाधार शालादर्पण पोर्टल पर अपलोड नहीं होगा, वहां की लापरवाही का सीधा दायित्व संस्था प्रधान पर होगा। इसलिए सभी विद्यार्थियों का समय पर जनाधार अपडेट और अधिप्रमाणन आवश्यक है। इससे कोई भी छात्र-छात्रा सहायता राशि से वंचित न रहे।
- रामेश्वर प्रसाद जीनगर, सीबीईओ सुवाणा