खनिज रियायत नियमावली की समीक्षा कर 15 दिन में देगी रिपोर्ट खनन संगठनों से मांगे जाएंगे प्रतिनिधि, समिति करेगी व्यवहारिक समस्याओं का परीक्षण
राज्य सरकार ने खनन पट्टाधारी संगठनों और एसोसिएशनों से प्राप्त आवेदनों व सुझावों के आधार पर उनके व्यवहारिक मुद्दों और समस्याओं के समाधान के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। यह समिति राजस्थान अपखनिज खनिज रियायत नियमावली, 2017 के प्रावधानों और आदेशों की समीक्षा करेगी। खनिज एवं पेट्रोलियम विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार यह समिति अतिरिक्त निदेशक, खान विभाग मुख्यालय, उदयपुर की अध्यक्षता में कार्य करेगी।
समिति में इनको किया शामिल
अतिरिक्त खान निदेशक जोधपुर वाईएस सहवाल, अधीक्षण खनि अभियंता अजमेर जेके गुरुक्षाणी तथा अधीक्षण खनि अभियंता (सतर्कता) जयपुर पीएस मीणा को शामिल किया है।
इन बिंदुओं पर होगा कार्य
समिति का उद्देश्य खनन पट्टाधारकों की उन व्यवहारिक समस्याओं की गहराई से पड़ताल करना है जो राजस्थान खनिज रियायत नियमावली 2017 के तहत आती हैं। इसके लिए खनन संगठनों से चार प्रतिनिधियों को नामित कर प्रस्ताव समिति के समक्ष रखने होंगे। समिति 15 दिनों के भीतर परीक्षण उपरांत स्पष्ट अनुशंसा सहित रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
राज्य सरकार की पहल सराहनीय
भीलवाड़ा से क्रशर एवं चुनाई पत्थर संघ के अध्यक्ष अनिल कुमार सोनी कहा कि खनन संगठनों ने लंबे समय से नियमावली के जटिल प्रावधानों और व्यावहारिक दिक्कतों को लेकर आवाज उठाई थी। अब इस समिति के गठन से खनन क्षेत्र को राहत की उम्मीद बंधी है। यह समिति समाधान के ठोस सुझाव दे सकेगी इससे उद्योग की सुगमता बढ़े और निवेश को प्रोत्साहन मिले।