43 जनों का अतिक्रमण, हटाने की कार्रवाई जारी; भूमाफियाओं पर शिकंजा
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) भोपाल में लंबित एक जनहित याचिका के संबंध में भीलवाड़ा जिला कलक्टर ने अपना जवाब प्रस्तुत कर दिया है। इस मामले में प्रशासन ने न्यायालय को आश्वस्त किया है कि कोटड़ी स्थित धर्म तालाब सहित दो प्रमुख जल स्त्रोतों पर हुए अवैध कब्ज़ों को हटाने के लिए अधिकारियों की ओर से कार्रवाई जारी है।
यह जनहित याचिका कोटड़ी निवासी विष्णु कुमार वैष्णव ने अधिवक्ता लोकेंद्र सिंह कच्छावा के माध्यम से पेश की थी। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि धर्म तालाब और अन्य जलाशयों की भूमि पर अवैध कब्ज़ा कर भूखंड काटकर उनका बेचान कर दिया गया है।
जिला कलक्टर की ओर से पेश किए गए जवाब में बताया गया कि न्यायालय के आदेश के बाद जिला कलक्टर भीलवाड़ा और राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की एक संयुक्त समिति का गठन किया गया था। इस समिति ने क्षेत्र का निरीक्षण किया। पटवार रिकॉर्ड के अनुसार कोटड़ी की आराजी संख्या 2050 गैर मुमकिन पेटा और 2049 गैर मुमकिन पाल साथ ही गांव धायलान का खेड़ा की आराजी संख्या 1595 और 4467 पर अतिक्रमण पाया गया। तहसीलदार कोटड़ी के आग्रह पर सीमा निर्धारण के लिए ईटीएस/ईजीपीएस का उपयोग करते हुए 21 से 24 जुलाई 2025 के बीच सर्वेक्षण किया गया। 18 अगस्त 2025 की मौका निरीक्षण रिपोर्ट में इन कब्ज़ों की आधिकारिक पुष्टि हुई।
रिपोर्ट में अतिक्रमण की गंभीरता को उजागर किया गया है। आराजी संख्या 1595 पर कई स्थायी निर्माण पाए गए हैं? आराजी संख्या 2049 और 2050 पर तारबंदी, चारदीवारी और पक्के मकान बना लिए गए हैं।
न्यायालय में पेश की गई रिपोर्ट के आधार पर, तीनों आराजी 1595, 2049 और 2050 में करीब 43 जनों ने अतिक्रमण कर रखा है। इनमें धार्मिक स्थल और छात्रावास समेत अन्य लोगों के अतिक्रमण शामिल हैं।
कब्ज़ों की पुष्टि होने के बाद जिला प्रशासन सक्रिय हो गया है। कलक्टर ने तहसीलदार कोटड़ी को नियमों के अनुसार अतिक्रमण हटाने के लिए निर्देशित किया। इसके पश्चात उप-विभागीय अधिकारी कोटड़ी ने तहसीलदार को 10 दिन के भीतर आवश्यक कार्रवाई शुरू करने और अनुपालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का आदेश दिया। प्रशासन ने एनजीटी को स्पष्ट किया है कि बहुमूल्य जल स्रोतों और जलाशयों की भूमि को कब्ज़ामुक्त कराने के लिए कार्रवाई जारी है और इस मामले में गंभीरता से काम किया जा रहा है।